चंडीगढ़: इस साल सामान खरीदने के लिए शुक्रवार, 10 नवंबर दोपहर 12:00 बजे से 11 नवंबर दोपहर 1:00 बजे तक शुभ मुहूर्त है. ज्योतिष के अनुसार इस बीच में खरीदारी करना बहुत ही शुभ है. इसके बीच में खरीदारी करना शुभ है. पंडित के अनुसार भगवान धन्वंतरि की पूजा-आराधना का समय 10 नवंबर को शाम 5:46 बजे से शाम 7:43 बजे तक है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन सोना-चांदी के अलावा इस दिन झाड़ू खरीदने का भी विशेष महत्व है. आखिर धनतेरस के दिन झाड़ू क्यों खरीदा जाता है, आइए जानते हैं.
धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना शुभ: सनातन धर्म में कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि को धनतेरस त्योहार मनाते हैं. मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से इसी दिन प्रकट हुए थे. तभी से त्रयोदशी तिथि को धन त्रयोदशी यानी धनतेरस के रूप में मनाते आ रहे हैं. ज्योतिषाचार्य के अनुसार हिंदू धर्म में आज के दिन झाड़ू खरीदना बेहद शुभ रहता है. मत्स्य पुराण के मुताबिक झाड़ू को धन की देवी माता लक्ष्मी का रूप माना गया है. मान्यता है कि झाड़ू घर से गंदगी दूर करने के साथ-साथ दरिद्रता दूर करती है. झाड़ू दरिद्रता का नाश करती है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन घर में पर नई झाड़ू लगाने से कर्ज से मुक्ति मिलती है.
धनतेरस के दिन भूलकर भी न करें ये काम:धनतेरस के दिन सोना-चांदी की खरीदारी के साथ-साथ कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. मान्यता है कि धनतेरस पर घर के मुख्य द्वार से धन की देवी मां लक्ष्मी का आगमन होता है. ऐसे में धनतेरस के दिन मुख्य द्वार के सामने कूड़ा-कबाड़ या बेकार की वस्तुएं न रखें. इसके अलावा धनतेरस के दिन दोपहर या शाम के वक्त भूलकर भी नहीं सोना चाहिए. इसके पीछे मान्यता है कि दिन में सोने से आलस्य और नकारात्मकता आती है इसलिए धनतेरस और दिवाली के दिन विशेषकर दिन में नहीं सोना चाहिए. इसके साथ ही भूलकर भी लोहा नहीं खरीदें. मान्यता है कि इस दिन लोहा खरीदने से घर में दरिद्रता का वास होता है. घर के मुख्य द्वार या मुख्य कक्ष के सामने तो बेकार वस्तुएं बिल्कुल भी ना रखें. मान्यता है कि धनतेरस और दिवली के दिन किसी को भी उधार रुपए नहीं देना चाहिए, इस दिन दान कर सकते हैं.