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चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी है और रहेगी- दुष्यंत चौटाला

मंगलवार को चंडीगढ़ के मामले पर हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र (Haryana Assembly Special Session) में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा रखे गए प्रस्ताव का उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सर्मथन किया और केन्द्र सरकार से इस प्रस्ताव पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया.

Deputy CM Dushyant Chautala in Haryana Assembly
Deputy CM Dushyant Chautala in Haryana Assembly

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Published : Apr 5, 2022, 7:45 PM IST

चंडीगढ़:हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को विधानसभा के विशेष सत्र (Haryana Assembly Special Session) में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा रखे गए प्रस्ताव का समर्थन किया और केन्द्र सरकार से इस प्रस्ताव पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया. सदन में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने राजधानी चंडीगढ़, एसवाईएल, विधानसभा, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट और पंजाब यूनिवर्सिटी आदि में हरियाणा की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की मांग केंद्र से की.

उन्होंने कहा कि देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री चौ. देवीलाल ने बीआरओ के माध्यम से एसवाईएल का निर्माण कार्य शुरू करवाया था. उन्होंने केंद्र सरकार मांग की है कि इसी तरह नहर का निर्माण जल्द से जल्द करवाए और हरियाणा को उसके हिस्से का पानी दिलाएं. विधानसभा के विशेष सत्र में चंडीगढ़ के मुद्दे पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी है और हमेशा रहेगी. उन्होंने कहा कि वर्ष 1966 में शाह कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार खरड़, मोहाली क्षेत्र को भी चंडीगढ़ के साथ हरियाणा का हिस्सा बनाए जाने की बात कही गई है.

शाह कमीशन की रिपोर्ट पर केंद्र विचार करें और इस दिशा में कोई उचित कदम जल्द उठाए. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि चंडीगढ़ में हरियाणा की 40 फीसदी की हिस्सेदारी कम हो रही है. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ यूटी में कार्यरत अधिकारियों के मामले में हरियाणा व पंजाब का 40-60 का हिस्सा है परंतु इसमें हरियाणा की भागेदारी धीरे-धीरे कम की जा रही है. उन्होंने हरियाणा की हिस्सेदारी को पुन ठीक करने की केंद्र से मांग की. उन्होंने विधानसभा भवन पर भी 40-60 की हिस्सेदारी की बात उठाई और कहा कि वर्तमान में हरियाणा का हिस्सा केवल 27 प्रतिशत है, जबकि इसको 40 प्रतिशत किया जाना चाहिए.

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दुष्यंत चौटाला ने केन्द्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि हरियाणा विधानसभा का भवन अलग से बनाने के लिए चंडीगढ़ में जमीन अलॉट की जाए. दुष्यंत चौटाला ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जजों के अनुपात का मामला उठाते हुए कहा कि अगर टॉप 14 जजों की नियुक्ति देखी जाए तो इनमें 13 जज या तो पंजाब राज्य के हैं या किसी दूसरे राज्य के हैं जबकि हरियाणा से आने वाले जजों की संख्या काफी कम है. हरियाणा से आने वाले जजों का अनुपात भी नियमानुसार होना चाहिए.

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा के लिए अलग हाईकोर्ट परिसर बनाया जाए या फिर मामलों के आधार पर हाईकोर्ट में हरियाणा की पूरी हिस्सेदारी केंद्र दिलाए क्योंकि 55 फीसदी केस फाइलिंग हरियाणा की होती है. वहीं उपमुख्यमंत्री ने पंजाब यूनिवर्सिटी में भी हिस्सेदारी का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें पहले हरियाणा की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी होती थी, पर पिछले कुछ दिनों से हरियाणा की हिस्सेदारी कम कर दी गई है. इससे यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने वाले बच्चों को लाभ कम हो रहा है.

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दुष्यंत चौटाला ने केन्द्र सरकार का इस बात के लिए आभार भी जताया कि यूटी चंडीगढ़ में निकलने वाली भर्तियों में पंजाबी भाषा की अनिवार्यता को खत्म किया गया है और इससे हरियाणा के युवाओं को भी आवेदन करने का मौका मिलेगा. एसवाईएल के पानी को लेकर कहा कि हरियाणा अपने हिस्से का पानी लेने को लेकर निरंतर प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि जैसे देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री जननायक चौधरी देवीलाल ने बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) के माध्यम से एसवाईएल का निर्माण कार्य शुरू करवाया था, उसी तरह केंद्र भी जल्द कदम उठाएं. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिए है, केंद्र उन निर्देशों की जल्द से जल्द पालना करवाए और नहर का निर्माण करवाएं.

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