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पंजाब, हरियाणा और यूपी में पराली जलाने पर रोक की मांग, HC ने मांगा जवाब

पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश में पराली जलाने पर रोक की मांग वाली याचिका पर चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 22 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

Delhi High Court
Delhi High Court

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Published : Sep 28, 2020, 10:11 PM IST

Updated : Sep 28, 2020, 10:19 PM IST

नई दिल्ली: हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश में पराली जलाने पर रोक की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और तीनों राज्यों को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 22 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

पराली के धुएं से फेफड़ा कमजोर होगा


सुधीर मिश्रा ने याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से ऋत्विक नंदा ने कहा कि पराली जलाने से कोरोना की स्थिति और खराब हो सकती है. पराली का धुंआ लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. याचिका में कहा गया है कि पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश से आनेवाले पराली के धूंए से समूचा उत्तर भारत गैस चैंबर में तब्दील हो जाएगा. पराली के धूएं का सीधा असर फेफड़ों पर होता है, फेफड़े कमजोर होने लगते हैं. फेफड़ों के कमजोर होने से कोरोना का संक्रमण बढ़ने का खतरा ज्यादा है.


पराली के धुएं से कोरोना संक्रमण का खतरा


याचिका में कहा गया है कि कोरोना की वजह से पूरे देश में 92 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना से मौत की सबसे बड़ी वजह फेफड़ो का कमजोर और सांस लेने में दिक्कत, आक्सीजन की मात्रा में कमी को बताया गया है. याचिका में कहा गया है कि अगर समय रहते पराली जलाने से नहीं रोका गया तो इससे जो धुंआ फैलेगा उससे लोगों के फेफड़े और ज्यादा कमजोर हो जाएंगे.

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Last Updated : Sep 28, 2020, 10:19 PM IST

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