नई दिल्ली/चंडीगढ़: शिक्षक भर्ती घोटाले में तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की पैरोल दिल्ली हाई कोर्ट ने 12 अप्रैल तक बढ़ा दी है. चौटाला ने बुजुर्ग होने के आधार पर समय पूर्व रिहाई की मांग की है. उनकी याचिका पर फिलहाल न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल एवं न्यायमूर्ति अनूप जयराम ब्रह्माणी की पीठ सुनवाई कर रही है.
अधिवक्ता अमित साहनी के माध्यम से याचिका दाखिल कर ओपी चौटाला ने कहा है कि उनकी रिहाई के संबंध में हाई कोर्ट ने नवंबर 2019 एवं फरवरी 2020 में दिल्ली सरकार को उचित फैसला लेना का निर्देश दिया था. हालांकि, अब तक इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है.
ओपी चौटाला ने अपनी उम्र और दिव्यांगता के आधार पर जेल से रिहाई की मांग की है. इससे पहले दायर याचिका में चौटाला ने केंद्र सरकार के 18 जुलाई 2018 की अधिसूचना का हवाला दिया था. अधिसूचना के तहत 60 साल से ज्यादा उम्र पार कर चुके पुरुष, 70 फीसदी वाले दिव्यांग व बच्चे अगर अपनी आधी सजा काट चुके हैं तो राज्य सरकार उसकी रिहाई पर विचार कर सकती है.
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याचिका में चौटाला ने कहा था कि उनकी उम्र 86 साल की हो गई है और भ्रष्टाचार के मामले में वो 7 साल की सजा काट चुके हैं. सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में न्यायाधीश सिद्धार्थ मृदुल व न्यायधीश अनूप जयराम भम्बानी की खण्डपीठ ने ओपी चौटाला की पैरोल याचिका पर सुनवाई की. ओम प्रकाश चौटाला ने अपने वकील द्वारा सजा में राहत पाने के लिए याचिका लगाई थी. दिल्ली सरकार की तरफ से वकील राहुल मेहरा और ओम प्रकाश चौटाला की तरफ से वकील अमित साहनी न्यायालय में हाजिर हुए. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद खण्डपीठ ने अगली सुनवाई 12 अप्रैल तय की.