चंडीगढ़: राज्यसभा उम्मीदवार के नाम को लेकर जारी हरियाणा कांग्रेस में तनातनी के बीच पार्टी की ओर से उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी गई है. कांग्रेस की ओर से आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए 12 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की गई है.
इस लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे और पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा का नाम भी शामिल है. लिस्ट जारी होने से पहले खबरें सामने आ रही थी कि हुड्डा और सैलजा गुट में उम्मीदवार के नाम को लेकर घमासान मचा है. हुड्डा गुट दीपेंद्र हुड्डा और सैलजा गुट सैलजा के नाम की पैरवी कर रहा था.
दीपेंद्र सिंह हुड्डा होंगे हरियाणा से कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार यहां तक की कांग्रेस विधायक बीबी बत्र ने ये बयान भी दे दिया था कि हाई कमान को फैसला लेने से पहले मध्यप्रदेश का घटना क्रम याद रखना चाहिए. बत्रा इस दौरान साफ तौर पर दीपेंद्र हुड्डा के नाम की पैरवी करते दिखाई दिए थे.
ऐसा माना जा रहा था कि हाई कमान एक बार सैलजा को उम्मीदवार बनाना चाहता है, लेकिन भूपेंद्र हुड्डा अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा को राज्यसभा भेजना चाहते थे. जिसके बाद अब दीपेंद्र हुड्डा के नाम पर कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुहर लगा दी है.
जानिए कौन हैं दीपेंद्र हुड्डा?
- हुड्डा परिवार की तीसरी पीढ़ी से आते हैं दीपेंद्र सिंह हुड्डा
- वो हरियाणा के रोहतक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं
- उनके पिता भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जो फिलहाल नेता प्रतिपक्ष भी हैं
- इसके अलावा दीपेंद्र हुड्डा के दादा रणबीर सिंह हुड्डा एक स्वतंत्रता सेनानी, संविधान सभा के सदस्य और पंजाब में मंत्री थे.
राजनीति में दीपेंद्र का सफर
- दीपेंद्र हुड्डा अक्टूबर 2005 के उपचुनाव में 14 वीं लोकसभा के लिए चुने गए और पहली बार संसद पहुंचे
- इस दौरान वो विदेश मामलों की सलाहकार समिति में रहे
- 5 अगस्त 2007 को वो कृषि संबंधी स्थायी समिति के सदस्य बनाए गए
- 2009 में 15 वीं लोकसभा के लिए चुनाव जीतकर वो दोबारा सांसद चुने गए
- 31 अगस्त 2009 को उन्हें मानव संसाधन विकास संबंधी स्थायी समिति का सदस्य बनाया गया
- 7 अक्टूबर 2009 को वो संसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के सदस्य समिति के सदस्य बने
- मई 2014 में 16 वीं लोकसभा के लिए चुनाव जीतकर वो तीसरी बार संसद पहुंचने में कामयाब रहे
- 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें रोहतक सीट से हार का सामना करना पड़ा