चंडीगढ़: हरियाणा में सरकार के खिलाफ संरपचों का धरना प्रदर्शन लगातार जारी है. वहीं, अब इस मामले को राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने राज्यसभा में आज शून्य काल के दौरान हरियाणा में ग्राम पंचायतों के अधिकार में कटौती के फैसले के खिलाफ और पंचायतों के अधिकार बढ़ाने की मांग को रखा. उन्होंने कहा कि केवल 2 लाख तक के कार्यों की अनुमति से गांवों का विकास कैसे होगा. दीपेंद्र हुड्डा ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस महत्वपूर्ण विषय का संज्ञान लेकर जनता द्वारा चुने गये सरपंचों के अधिकार और उनके मान-सम्मान की रक्षा की जाए. साथ ही हरियाणा सरकार द्वारा लागू की गई इस एकतरफा व्यवस्था को तुरंत वापस लिया जाए.
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार के इस फैसले के खिलाफ पूरे हरियाणा में सरपंचों को सड़कों पर धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है. सरपंच पहले अपने स्तर पर गांव के लिए 20 लाख रुपये तक के विकास कार्य करवा सकते थे, लेकिन नयी व्यवस्था में ग्राम पंचायत अब सिर्फ 2 लाख रुपये तक के ही विकास कार्य करवा सकेगी. मौजूदा सरकार ने हरियाणा पंचायती राज कानून 1994 में कई संशोधन करके पंचायतों के अधिकार कम कर दिए हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर पंचायतों को अधिकार ही नहीं देने थे तो चुनाव क्यों कराया गया? दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पूर्व की हुड्डा सरकार के समय पंचायतों को करोड़ों की ग्रांट दी जाती थी, जिससे गांवों में विकास कार्यों की अलग ही चमक दिखायी देती थी.