चंडीगढ़:हरियाणा के किसान डीएपी खाद की किल्लत से परेशान हैं. प्रदेश में डीएपी के लिए मारामारी के लेवल का इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रदेश के पुलिस थानों में डीएपी खाद पुलिस वालों को बेचनी पड़ रही है. दरअसल खाद की उपलब्धता न होने से गेहूं, आलू और सरसों की बुवाई में दिक्कत आ रही है. हरियाणा में जरूरत के मुताबिक स्टॉक नहीं है. मांग और आपूर्ति में अंतर के कारण प्रदेश में खाद के लिए स्थिति विकट हो चुकी है.
प्रदेश के चरखी दादरी में हालात ऐसे बने हैं कि किसानों को अपने बच्चों की स्कूल से छुट्टी करवाकर लाइनों में लगाना पड़ रहा है. महिलाएं भी चूल्हा-चौका छोड़कर पुलिस थाना में टोकन लेने पहुंची हैं. एक दिन पहले ही प्रशासन की करीब दो हजार बैग पुलिस की मौजूदगी में वितरित करवाई गई थी, अधिकारियों की मानें तो शुक्रवार को खाद की पांच गाड़ियां दादरी जिला में पहुंची हैं. खाद पहुंचने की सूचना पर हजारों किसान सुबह ही मंडी में पहुंचे तो प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से पुलिस थाना में टोकन देने की व्यवस्था करवाई गई.
करीब-करीब पूरे हरियाणा में डीएपी खाद को लेकर एक जैसे हालात बने हुए हैं. शनिवार को भी भिवानी में इफको किसान सेवा केंद्र पर डीएपी को लेकर किसानों का जमावड़ा लगा दिखा, डीएपी ना मिलने से गुस्साए किसानों ने रोष जाहिर किया. ऐसा ही हाल चरखी दादरी में देखने को मिला. यहां भी सरकारी केंद्र पर किसानों की लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिली. कई क्षेत्रों में एक भी बैग डीएपी खाद की व्यवस्था नहीं है.
ये पढ़ें-जानें क्यों हो रही हरियाणा में डीएपी खाद की किल्लत, सरकारी दावों से कोसों दूर हकीकत
हरियाणा में DAP कितनी सप्लाई: इस साल 2 लाख मीट्रिक टन यूरिया की मांग के मुकाबले 2.37 लाख मीट्रिक टन की सप्लाई हुई है. अगर बात डीएपी की करें तो इसकी मांग 1.1 लाख मीट्रिक टन है जबकि सप्लाई 1.07 लाख मीट्रिक टन की हुई है. हरियाणा में डीएपी की कमी मात्र 4000 मीट्रिक टन की है, लेकिन किसानों को फिर भी इस खाद के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है.