चंडीगढ़:वर्ष 2020 में बरसात हरियाणा पर काफी मेहरबान है. जनवरी और फरवरी में आए पश्चिम विक्षोभ के कारण ये बरसात हो रही है. इससे न केवल फसलों को लाभ मिल रहा है, जबकि भू-जल स्तर में भी बढ़ोत्तरी होगी.
1 जनवरी 2020 से 21 फरवरी तक 52 दिन की अवधि में प्रदेश में 27.3 एमएम बरसात हो चुकी है. जबकि इस अवधि में सामान्यत: 26.8 एमएम बरसात होती है. यानी सामान्य से करीब तीन फीसदी अधिक बरसात हुई है.
खास बात यह है कि ये बरसात अचानक नहीं हो रही. ऐसे में बरसात का पानी बहने की बजाए धरती के अंदर अधिक जा रहा है. इधर गेहूं वैज्ञानिकों का कहना है कि अबकी बार न केवल हरियाणा बल्कि समूचे देश में गेहूं की बंपर फसल होने की उम्मीद है, बस 10 मार्च तक मौसम औसतन 15 से 18 डिग्री के बीच बना रहे. ओले आदि न पड़ें, ऐसे में फसल उत्पादन अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ सकता है.
पिछले 24 घंटे में प्रदेशभर में हुई बरसात के साथ कुछ जगह ओले भी पड़े हैं और जिन फसलों में पहले से सिंचाई की गई थी, वो जमीन पर ढह गई हैं. अभी भी आधे हरियाणा में बरसात की भारी कमी है. इस बारिश से फसलों को कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि सभी फसल पकने में समय बाकी है.
32 लाख हेक्टेयर में रबी की फसलें
कृषि अधिकारियों के अनुसार हरियाणा में रबी की करीब 32 लाख हेक्टेयर में फसलें बोई गई हैं. इनमें सबसे बड़ी फसल गेहूं 25 लाख हेक्टेयर में है. पिछले दिनों दिन का पारा 30 डिग्री के पार चला गया था, लेकिन रात का तापमान औसतन पांच से सात डिग्री के बीच रहा.