हरियाणा में नहीं थम रहा महिलाओं के खिलाफ अपराध, दिल दहला देंगे महज महीने भर के आंकड़े - हरियाणा महिला अपराध बढ़ोतरी
'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का नारा देने वाले हरियाणा में बेटियों को, महिलाओं को बचाना आज मुश्किल हो रहा है. महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को देखते हुए ये कहना गलत नहीं होगा कि महिलाएं हरियाणा में महफूज नहीं हैं. आए दिन महिलाओं पर होने वाले अपराधों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इसमें सबसे ज्यादा मामले दुष्कर्म और छेड़छाड़ के हैं. देखिए रिपोर्ट.
crime against women in haryana
By
Published : Oct 27, 2020, 11:10 AM IST
|
Updated : Oct 27, 2020, 11:59 AM IST
चंडीगढ़:हरियाणा में बेटियों का जीना मुश्किल होता जा रहा है. घर से लेकर बाहर तक, जैसे हर जगह अपराधी बस ताक लगाए बैठे हैं. ताजा मामला तो बीते दिन का ही जब फरीदाबाद में कॉलेज की एक छात्रा की एक युवक ने दिन-दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी. वहीं बीते दिन ही पानीपत से एक महिला पर तेज फेंकने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि महिला ने छेड़छाड़ का विरोध किया था, जिसके बाद बदमाशों ने महिला पर तेजाब फेंक दिया.
ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं
अब पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर नजर डालते हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की वर्ष 2018 की रिपोर्ट के अनुसार बच्चियों, किशोरियों और महिलाओं के खिलाफ 14 हजार 326 अपराध हुए यानि कि प्रतिदिन 39 महिलाओं के खिलाफ कोई न कोई अपराध हुआ. रिपोर्ट से पता चला है कि हरियाणा में हर 5 दिन में 3 दहेज हत्या के मामले दर्ज होते हैं.
वर्ष 2017 में दुष्कर्म के 1099 केस दर्ज हुए थे, जबकि 2018 में ऐसे मामलों की संख्या 1296 पहुंच गई, वहीं 2019 में नवंबर तक 1529 मामले दर्ज हुए. ये आंकड़े विचलित करने वाले हैं. महिलाओं के विरुद्ध दूसरे अपराधों में भी लगातार इजाफा हुआ है.
वर्ष 2015 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 9511 मामले दर्ज हुए थे यानि कि तब प्रतिदिन करीब 26 महिलाओं को किसी न किसी तरह के अपराध का सामना करना पड़ा. वर्ष 2016 में 9839 और वर्ष 2017 में 11,370 मामले सामने आए. वर्ष 2018 में 14,326 और वर्ष 2019 में नवंबर तक 14,683 केस दर्ज हुए.
साल
रेप
हत्या
दहेज उत्पीड़न/हत्या
2014
1292
1688
292
2015
1199
1926
242
2016
1179
1795
260
2017
1328
2141
244
2018
1758
2936
222
2019 (नवंबर तक)
1529
2542
218
अब आपको हाल में घटित हुए कुछ मामलों के बारे में बताते हैं-
26 अक्टूबर 2020- फरीदाबादके बल्लभगढ़ में कुछ युवकों ने परीक्षा देकर आ रही छात्रा की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी. ये वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. मृतक लड़की के पिता ने कहा कि पहले भी आरोपी युवकों ने लड़की को परेशान किया था. जिसकी रिपोर्ट उन्होंने पुलिस थाने में दर्ज करवाई थी, लेकिन उस रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई
26 अक्टूबर 2020- पानीपतकी राजीव कॉलोनी में रहने वाली एक महिला पर तेजाब फेंका गया. महिला जब फैक्ट्री से काम कर घर लौट रही थी. तब बाइक सवार दो बदमाशों ने तेजाब फेंका. इस मामले में महिला द्वारा छेड़छाड़ करने का विरोध किया गया था. जिसके बाद बदमाशों ने उसके मुंह पर तेजाब फेंक दिया.
25 अक्टूबर 2020-पलवलमें एक नाबालिग लड़की ने पुलिस को शिकायत दी कि एक युवक ने उसको प्यार में फंसाया. उसके बाद लगातार बलात्कार किया और शादी का झांसा दिया. वहीं पीड़ित पक्ष ने पुलिस पर भी कार्रवाई ना करने का आरोप लगाया.
22 अक्टूबर 2020- अंबालाके नारायणगढ़ के साथ लगते काला आम इलाके में एक 9 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने बलात्कार किया. घायल हालत में बच्ची को अंबाला के नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया. बच्ची के गुप्तांग पर गहरी चोट लगी थी.
20 अक्टूबर 2020- जींदमें ससुराल वालों से तंग आकर महिला ने जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी. मनीषा के पिता ने आरोप लगाया था कि ससुराल वालों द्वारा बार-बार उसके साथ मारपीट की जाती थी. साथ ही दहेज की मांग भी की जाती थी, जिससे तंग आकर मनीषा ने गेहूं के ड्रम रखी सल्फास की गोली खा ली.
19 अक्टूबर 2020- पलवलके कैंप थाना क्षेत्र के एक गांव में तीन युवकों ने रात के समय नशीला पदार्थ सूंघाकर नाबालिग लड़की का अपहरण किया था और फिर ओमेक्स सिटी में ले जाकर उसके साथ गैंगरेप किया. इसके बाद आरोपी पीड़िता को बेहोशी की हालात में छोड़कर फरार हो गए थे.
12 अक्टूबर 2020- जींदजिले के जुलाना थाने के अंतर्गत आने वाले एक गांव में ट्यूशन पढ़ाने के बहाने 13 वर्षीय छात्रा से दुष्कर्म का मामला सामने आया था. पीड़िता की मां ने गांव के ही दो युवकों के खिलाफ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था.
साफ जाहिर है कि प्रदेश में बच्चियों, महिलाओं के खिलाफ अपराध रुक नहीं पा रहे हैं. दुष्कर्म, छेड़छाड़ और दहेज के मामलों पर अंकुश नहीं लग पा रहा. हालात ये हैं कि बेटियां घर से अकेली निकलने से डरती हैं. बेटियों से सरेराह दरिंदगी होती है, इसके सुबूत हैं. ये आंकड़े सवाल करते हैं कि क्या हम ऐसे हरियाणा का निर्माण नहीं कर सकते जिसमें अपनी बहू, बेटियों को सुरक्षित माहौल दे सकें.
बहरहाल, घटनाएं होने के बाद इन पर सियासत भी खूब होती है. सरकार ने हर जिले में महिला थाने खोले, दुर्गा शक्ति एप भी शुरू की, महिला हेल्पलाइन की भी शुरुआत हुई, लेकिन महिलाओं से अपराध के मामले कम नहीं हुए. इस हिसाब से जब हम ये रिपोर्ट देख रहे हैं तो हो सकता है कि प्रदेश के किसी जिले में कोई महिला अपनी आबरू लुट जाने की रिपोर्ट दर्ज करवा रही होगी.