चंडीगढ़: कोरोना की दूसरी लहर (coronavirus second wave) का प्रभाव अब कम होने लगा है. कोरोना के मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है. लेकिन वैज्ञानिकों ने कोरोना की तीसरी लहर(coronavirus third wave) के आने की चेतावनी भी दे रखी है. वैज्ञानिकों की ओर से कहा गया है कि सितंबर और अक्टूबर के महीने में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. वहीं अब सवाल ये है कि जब कोरोना की दूसरी लहर आई थी तब स्वास्थ्य सेवाओं की काफी कमियां देखने को मिली थी, ऐसे में तीसरी लहर के लिए स्वास्थ्य विभाग कितना तैयार है. इसी को लेकर हमारी टीम चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग के निदेशक से बातचीत की.
चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. वीके नागपाल ने बताया कि कोरोना के केस कम जरूर हो रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस अभी खत्म नहीं हुआ है. इसलिए हमें सावधान रहने की जरूरत है. वहीं तीसरी लहर का खतरा भी बना हुआ है. ये भी कहा जा रहा है कि तीसरी लहर का असर बच्चों पर ज्यादा बढ़ सकता है, इसलिए चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग इस ओर भी ध्यान दे रहा है. जिसके तहत अस्पतालों में बच्चों के लिए वार्ड की संख्या बढ़ा दी है. एक शिशु अस्पताल तैयार कर दिया गया है. सेक्टर-48 अस्पताल को भी बच्चों का अस्पताल बना दिया गया है. सभी सरकारी अस्पतालों में आईसीयू की संख्या बढ़ा दी गई है.
'मेडिकल स्टाफ को दी जा रही स्पेशल ट्रेनिंग'
डॉ. वीके नागपाल ने बताया कि चंडीगढ़ में मेडिकल स्टाफ (chandigarh health department) को भी बच्चों का इलाज करने की अलग से ट्रेनिंग दी जा रही है, क्योंकि बच्चों के इलाज में खास सावधानियां बरतनी पड़ती है. बच्चों को कौन सी दवा देनी है, उसकी डोज कितनी देनी है, इन सब बातों का ध्यान रखना पड़ता है. इसके अलावा स्टाफ को ये भी ट्रेनिंग दी जा रही है कि अगर माता-पिता हेल्पलाइन नंबर पर फोन करें और अपने बच्चों में दिखाई दे रहे लक्षणों के बारे में बताएं तो ऐसे समय में किस तरह से स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जानी हैं.
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