चंडीगढ़:प्रदेश सरकार का दावा है कि हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसने वैश्विक महामारी को ग्रामीण क्षेत्रों (haryana villages corona) में नियंत्रित करने पर सबसे ज्यादा फोकस किया है. जिन गांवों में कोरोना संक्रमण के ज्यादा मामले थे. वहां पर विलेज आइसोलेशन सेंटर बनाए गए और हर जिले में उपायुक्त ने खुद इन सेंटर्स पर उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण किया. सरकार का दावा है कि इस कार्यक्रम के तहत कम समय के अंदर आबादी के बड़े वर्ग की जांच से कोरोना संक्रमण पर एक हद तक नियंत्रण पा लिया गया है.
दावे के मुताबिक सरकार ने कम समय में ग्रामीण क्षेत्र की आबादी के एक बड़े हिस्से की स्क्रीनिंग करते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए, जिससे कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सका. हरियाणा सरकार ने टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की रणनीति पर गंभीरता से काम किया. जिसके चलते आगामी दो दिनों के अंदर ग्रामीण आबादी के स्वास्थ्य जांच का काम पूरा कर लिया जाएगा.
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एक लाख से ज्यादा टेस्ट हुए
हरियाणा ग्रामीण स्वास्थ्य जांच योजना के तहत प्रदेश में 1 लाख 7 हजार 852 (90,474 रैपिड एंटीजन टेस्ट और 17,378 आरटीपीसीआर टेस्ट) लोगों के सैंपल लिए गए, जिनमें 3781 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली. गांव-गांव पर समय पर टेस्ट होने से कोरोना संक्रमित मरीजों की शीघ्रता से पहचान हुई और उन्हें परिवार के अन्य सदस्यों से अलग आइसोलेट करते हुए कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सका.
करीब सवा करोड़ ग्रामीणों की स्क्रीनिंग
हरियाणा सरकार का दावा है कि स्वास्थ्य कर्मियों ने दिन रात घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच की. इन टीमों ने मिशन मोड पर काम करते हुए 15 मई से अबतक 25 लाख 49 हजार 464 घरों में पहुंचकर करीब सवा करोड़ लोगों के स्वास्थ्य की जांच की. इतना हीं नहीं डोर टू डोर स्क्रीनिंग से खांसी, जुकाम और बुखार के 91,439 मरीजों की पहचान हुई और उन्हें भी समय पर उपचार दिया जा सका.
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खोले गए 1746 विलेज आइसोलेशन सेंटर
हरियाणा सरकार के मुताबिक गांवों में स्थित पीएचसी-सीएचसी में ऑक्सीजन बेड, वेंटीलेटर और आवश्यक दवाओं में बढ़ोतरी बल्कि ग्राम स्तर पर 1,746 विलेज आइसोलेशन सेंटर (village isolation centres) खोले गए, जिनमें ऑक्सीजन बेड और अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए. इन सेंटर में 21,399 बेड कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध हैं. इतना ही नहीं होम आइसोलेट मरीजों को ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर सहित 15 अलग-अलग आइटम युक्त किट भी नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है. अबतक 24,550 मरीजों को ये किट दी जा चुकी है.
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गौरतलब है कि मई महीने में जब देशभर में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे तो हरियाणा में भी ये लहर अपना असर दिखाने लगी थी. शहरों के अलावा गांव से भी कोरोना मरीज सामने आ रहे थे. जिसके बाद हरियाणा सरकार ने शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों को भी मॉनीटर करना शुरू किया. स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 'हरियाणा ग्रामीण स्वास्थ्य जांच' योजना तैयार की. इस कार्यक्रम के तहत 8000 टीम तैयार की गई. जिनका काम घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच करना और मरीजों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट करना था.
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