चंडीगढ़: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा मोदी सरनेम पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए 2 साल कैद की सजा सुनाई. जबकि कुछ ही देर बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. जिसके बाद उनकी लोकसभा सदस्या को रद्द किया गया. राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के बाद से ही कांग्रेस में बवाल मचा हुआ है. कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के समर्थन में पूरे देश में विरोध प्रदर्शन कर रही है. जिसके चलते कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमलावर हो रही है.
राहुल गांधी के समर्थन में रविवार को चंडीगढ़ राजीव गांधी कांग्रेस भवन के सामने पार्टी कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ सत्याग्रह कर धरना प्रदर्शन किया. शहर के सभी समर्थक इस सत्याग्रह में शामिल हुए और सरकार का विरोध किया. इस दौरान पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओ ने हाथों में पार्टी के झंडे, तख्तियां और राहुल गांधी की तस्वीर लेकर शांति से धरना दिया. कार्यकर्ताओं द्वारा जमकर मोदी सरकार के खिलाफ बयान बाजी भी की गई.
इस दौरान सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे प्रदेश अध्यक्ष एचएस लक्की ने बताया कि मोदी सरकार और भाजपा की तानाशाही और लोकतंत्र विरोधी कार्रवाइयों के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध करने की योजना बनाई गई है. सरकार पर आम आदमी और छोटे तथा मध्यम उद्योगों और व्यवसायों की कीमत पर अडानी समूह की कंपनियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है. लकी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का बेरहमी से दुरुपयोग कर रही है.
उन्होंने कहा कि सरकार देश के लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर कर रही है. उन्होंने सरकार पर राहुल गांधी को गलत तरीके से निशाना बनाने का आरोप लगाया. क्योंकि वह कठिन सवाल पूछ रहे हैं और मोदी सरकार के कार्यों और भ्रष्टाचार को उजागर कर रहे हैं. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि 2019 के चुनावों के दौरान कर्नाटक में राहुल गांधी द्वारा बोले गए छह शब्दों को संदर्भ से तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. उन्हें मानहानि के मामले में फंसाने के लिए सबूतों से छेड़छाड़ की गई.