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किसान तो कब के तैयार हैं, सरकार किसानों से बात ही नहीं करना चाहती: नीरज शर्मा

किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर फरीदाबाद एनआईटी के विधायक नीरज शर्मा (Neeraj Sharma Congress MLA) ने सरकार पर कटाक्ष किया. नीरज शर्मा ने कहा कि मंत्री किसानों को बातचीत करने के लिए बुलाते हैं और जलील कर उन्हें वापस भेज देते हैं.

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कांग्रेस विधायक ने कहा कि सरकार किसानों से बात ही नहीं करना चाहती

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Published : Oct 6, 2021, 9:04 AM IST

चंडीगढ़:पिछले 10 महीने से किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर बैठे हैं, लेकिन आज तक सरकार और किसानों के बीच वार्ता सफल नहीं हो पाई. इस मुद्दे पर फरीदाबाद एनआईटी से विधानसभा के विधायक नीरज शर्मा ने सरकार पर कटाक्ष किया. नीरज शर्मा ने कहा कि किसान तो कब से सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे हैं, सरकार उन्हें जवाब ही नहीं देती. बीजेपी के मंत्री किसानों को बातचीत करने के लिए बुलाते हैं और जलील कर उन्हें वापस भेज देते हैं.

नीरज शर्मा का कहना है कि भाजपा सरकार खुद किसानों पर अत्याचार कर रही है, लेकिन बीजेपी को ये याद रखना चाहिए कि अत्याचार तो अंग्रेजों ने भी भारतीय लोगों पर बहुत किए थे, लेकिन भारतीय कभी अपनी कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटते. नीरज शर्मा ने कहा कि इस लोकतांत्रिक देश में जनता ही सबसे ऊपर है. कोई भी व्यक्ति मां के पेट से नेता बन कर जन्म नहीं लेता.

कांग्रेस विधायक ने कहा कि सरकार किसानों से बात ही नहीं करना चाहती, देखिए वीडियो

नीरज शर्मा ने हिसार से विधायक कमल गुप्ता का किसानों को लेकर दिए बयान पर कहा कि किसी को जनता ही एक नेता, एक विधायक, एक सांसद और प्रधानमंत्री तक बनाती है. जनता के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग करना दुर्भाग्यपूर्ण है. बता दें कि सोमवार को यानी 4 अक्टूबर को बीजेपी विधायक कमल गुप्ता (kamal gupta farmers protest) को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा है. हिसार में किसानों के द्वारा विधायक कमल गुप्ता को बंधक बनाया गया और किसानों ने कमल गुप्ता के कपड़े भी फाड़े गए.

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घटना के बाद विधायक कमल गुप्ता ने कहा कि उन्हें किसानों की मीटिंग की कोई जानकारी नहीं थी और वह इत्तेफाक से रेस्ट हाउस पहुंचे थे. इसी दौरान वहां मौजूद किसानों ने नारेबाजी और काले झंडे दिखाने शुरू कर दिए. उनमें से कुछ लोग मुझे पकड़कर हॉल में ले जाने लगे और एक दो लोगों ने पीछे से खींचकर मेरे कपड़े फाड़ दिए. सबको अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन इस तरह किसी अकेले व्यक्ति को घेर कर उसके कपड़े फाड़ना कहां तक जायज है. किसान बदतमीजी करेंगे क्या, ऐसे लोग किसान नहीं हो सकते, ये साबित करता है कि ये कोई किसान आंदोलन नहीं बल्कि गुंडागर्दी है.

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