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ईटीवी भारत से बोले सुरजेवाला- भाजपा को सिर्फ कांग्रेस हरा सकती है, क्षेत्रीय दलों के बस की बात नहीं - रणदीप सिंह सुरजेवाला इंटरव्यू

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला (Congress General Secretary Randeep Singh Surjewala) ने ईटीवी से बातचीत में आने चुनावों में कांग्रेस की रणनीतियों के बारे में खुलकर बातचीत की. इस दौरान रणदीप सुरजेवाल ने ये भी बताया कि कांग्रेस में कब राष्ट्रीय अध्यक्ष पद (congress president election) के लिए चुनाव होने वाले हैं, और गोवा चुनाव में उनके राह में कौन रोड़ा बन गया है.

randeep singh surjewala latest interview with etv bharat
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला

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Published : Nov 27, 2021, 12:28 PM IST

Updated : Nov 27, 2021, 5:42 PM IST

चंडीगढ़:कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Congress General Secretary Randeep Singh Surjewala) ने ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा है कि ममता कांग्रेस को कमजोर करना चाहती हैं लेकिन वो ऐसा कर नहीं पाएंगी. ममता बनर्जी (Bengal CM Mamata Banerjee) कभी कांग्रेस का विकल्प नहीं बन सकतीं. वो कितनी भी कोशिश कर लें वो बंगाल को छोड़कर किसी भी अन्य राज्य में कभी नहीं जीत पाएंगी. भाजपा को कोई हरा सकता है तो वो कांग्रेस है, क्षेत्रीय दलों के बस की बात ये नहीं है. मोदी सरकार पर तीखे हमले करने के लिए प्रसिद्ध सुरजेवाला (Randeep Surjewala on BJP government) ने ये बातें ईटीवी भारत के रीजनल एडिटर सचिन शर्मा से विशेष साक्षात्कार में कहीं.

रणदीप सिंह सुरजेवाला के मुताबिक पंजाब (Surjewala on punjab election) में कुछ भी हुआ हो लेकिन कांग्रेस की नीतियां वहां उसे फिर से सत्ता दिलाएंगी. उत्तर प्रदेश को लेकर भी सुरजेवाला काफी आशावादी दिखे. उन्होंने प्रियंका गांधी पर भरोसा जताते हुए कहा कि कांग्रेस को यूपी में किसी गठबंधन की जरूरत नहीं है. कांग्रेस अपने बलबूते यूपी में विधानसभा चुनाव (Surjewala on Utter Pradesh Assembly elections) लड़ेगी. आप भी इस रोचक बातचीत को सुनिए..

सवाल: बीजेपी सरकार ने तीन कृषि कानून वापस ले लिए, तो क्या विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के हाथ से बड़ा मुद्दा फिसल गया?

जवाब: सबसे पहले तो ये कभी राजनीतिक मुद्दा नहीं था. किसानों को, आढ़तियों को, मजदूरों को मोदी जी पर विश्वास नहीं है, क्योंकि उन्होंने अपनी विश्वसनीयता खो दी है. अब से पहले ही बीजेपी सांसद साक्षी महाराज (BJP MP Sakshi Maharaj) जी ने कह दिया है कि फैसला वापस विधानसभा चुनाव तक लिया गाय है, उसके बाद तीन कृषि कानूनों (Three Farm Laws) को शक्ल बदल कर दोबारा लागू कर दिया जाएगा. किसान को मोदी जी की बात पर भरोसा नहीं है. किसान इंतजार कर रहे हैं कि सरकार किसान विरोधी रवैये को वापस ले और वाकई किसानों के कल्याण के लिए काम करें.

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सवाल: हिंदुत्व के मुद्दे को कांग्रेस ने इस समय क्यों छेड़ा? क्या सलमान खुर्शीद की किताब (salman khurshid Book Controversy), हिंदुत्व पर राशिद अल्वी और राहुल गांधी का बयान ये वाकई संयोग है.? क्या ये बयान अल्पसंख्यक वोटों के लिए है?

जवाब: कांग्रेस का मानना है कि आज, कल और परसों भी और भविष्य में भी कि मेरा भगवान मेरे मानने की चीज है. मेरे भगवान के प्रति श्रद्धा मेरी है. अगर राहुल गांधी भगवान शिव के भक्त हैं, अगर वो कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर पैदल जाते हैं, अगर राहुल (Rahul Gandhi) जी वैष्णों देवी यात्रा पर जाते हैं, तो भाजपाइयों के पेट में दर्द क्यों हो जाता है. हमारी भारतीय सभ्यता तो सभी धर्मों का सम्मान करना सिखाती है. भारतीय जनता पार्टी धर्म को नफरत को नाजायज तौर पर इस्तेमाल करना चाहती है.

सवाल: मनीष तिवारी ने 9/11 हमले को लेकर यूपीए सरकार यानी सरदार मनमोहन सिंह की सरकार पर सवाल उठाए, तो क्या G23 के नेता सरकार के लिए मुसीबत बन गए हैं.

जवाब: मैं किताबों पर टिप्पणी नहीं करता. जो कितान ना छपी ना आई उस पर मैं टिप्पणी नहीं कर सकता. सलमान खुर्शीद जी की व्यक्तिगत राय पर मैं नहीं बोल सकता. पार्टी की राय मैं पहले भी दे चुका हूं.

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सवाल: जी23 के नेता अक्सर फुल टाइम अध्यक्ष की मांग करते रहे हैं. क्या समस्या आ रही है, चुनाव होने पर गांधी परिवार को समस्या आ सकती है?

जवाब: ऐसे सवाल होते हैं इससे साफ होता है कि कांग्रेस में आज भी लोकतंत्र है. क्या कभी किसी ने अमित शाह से पूछा कि वो दो बार अध्यक्ष चुने गए. उनके वोट कहां डाले गए, किस पेटी में डाले गए थे. बीजेपी में ना खाता ना बही जो मोदी जी कह दें वही सही. मोदी जी ने फैसला कर दिया अमित शाह होंगे अमित शाह बन गए. मोदी जी ने फैसला कर दिया नड्डा साहब होंगे तो नड्डा साहब बन गए, लेकिन हमारे पार्टी के नेताओं को सवाल पूछने का अधिकार है. कांग्रेस चुनाव समिति ने बकायदा कांग्रेस का चुनाव शेड्यूल जारी (Congress President Election Schedule) कर दिया है. 31 मार्च तक मेंबरशिप होगी, उसके बाद ब्लॉक से अध्यक्ष पद तक के लिए चुनाव होगा.

सवाल: उत्तर प्रदेश चुनाव में देखा जाए तो अखिलेश यादव और मायावती ज्यादा मजबूत विपक्षी नेता दिख रहे हैं. कड़े मुकाबले में क्या कांग्रेस अपना लक्ष्य हासिल कर लेगी.

जवाब: उत्तर प्रेदश में एकमात्र विपक्ष की नेता हैं. वो हैं सिर्फ श्रीमती प्रियंका गांधी. कोई दूसरा नेता जनता की अवाज उठाने आया? हाथरस, आगरा कांड, पुलिस एंकाउंटर हुआ सिर्फ प्रियंका गांधी ने अवाज उठाई. कांग्रेस के अलावा कोई विपक्षी दल सरकार के खिलाफ नहीं उठा पाई. हमसे भूल हुई कि हमने चुनाव में क्षेत्रीय दल की मदद की और वहां छोटी पार्टी बन गए. हमारी उड़ान बड़ी है, मंशा भी बड़ी है. 30 से 35 साल कांग्रेस के बिना शासन के यूपी को पिछले पायदान पर ला कर खड़ा कर दिया.

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सवाल: उत्तर प्रदेश में जैसे 2017 राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने गठबंधन किया. लोकसभी में अखिलेश और मायावती साथ आ गए, तो इसलिए सीख लेकर इस बार कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया.

जवाब: श्रीमती प्रियंका गांधी कांग्रेस महासचिव प्रभारी (Congress General Secretary Priyanka Gandhi) है उन्होंने फैसला लिया है कि कांग्रेस अकेले अपने बलबूते चुनाव लड़ने का फैसला किया. कारण ये है कि हमें इस बात की कमी खलती है कि उत्तर प्रदेश के हर गांव में कांग्रेस है, हर विधानसभा में कांग्रेस है, लेकिन हमने हर बार समझौता करते रहे. अब वहां हमारा साइज कुछ छोटा हो गया. इसलिए हम चाहते हैं कि कांग्रेस का झंडा और वोट जो हर गांव, हर वार्ड में है वो कांग्रेस को मिले.

सवाल: अगर देश में देखें तो ममता बनर्जी जी ने कांग्रेस को काफी नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब मेरे मुकाबले की पार्टी नहीं रह गई है. लगातार कांग्रेस नेताओं को अपनी पार्टी में भी शामिल कर रही हैं, तो क्या कांग्रेस कई राज्यों में विपक्ष का दर्जा खोने के लिए तैयार है, जैस ममता बनर्जी की मशीनरी काम कर रही हैं.

जवाब: सबसे पहले मैं कहना चाहता हूं कि 'मैं' शब्द में मोदी जी का अहंकार छिपा है. ये 'मैं' शब्द पतन का कारण होता है और हम बंगाल की सीएम ममता जी (Bengal CM Mamata Banerjee) का सम्मान करते हैं. हम सिर्फ ये कहते हैं कि चुनाव इलेक्शन ट्यूरिज्म नहीं हो सकती है. गोवा के अंदर टीएमसी 'एमआईए' मीसिंग इन एक्शन हो गई. अब चुनाव से तीन महीने पहले जब कांग्रेस और बीजेपी की टक्कर है. कांग्रेस जीत रही है और बीजेपी हार रही है, तो टीएमसी मैदान में आ जाती है और पैसे लगा कर, साधन लगाती है. उनका प्रजातांत्रिक अधिकार है, लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि टीएमसी किससे लड़ना चाहती है बीजेपी को या कांग्रेस से. क्या आप कांग्रेस का वोट विभाजित करने के लिए ही चुनाव लड़ रहे हैं? ये सवाल उन्हें खुद से पूछना पड़ेगा.

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सवाल: अगले साल होने वाले 7 राज्यों के चुनावों में से 5 राज्यों के चुनाव 4 महीने बाद ही है. पंजाब में आपकी सरकार है बाकी 4 राज्यों में बीजेपी है, तो आपको क्या लगता है कि इस बार चुनाव में स्थिति बदल जाएगी?

जवाब: मैं हमेशा आशावान हूं. अभी हुए उपचुनाव में कुल 70 में से 22 विधानसभा से जीत हासिल करती है, तो इससे बड़ा क्या सैंपल हो सकता है. नड्डा जी ने भी जोर लगा लिया, लेकिन कांग्रेस नहीं लोग जीते हैं. उत्तराखंड में एक के बाद एक तीन मुख्यमंत्री मोदी जी ने हटाए शतरंज के प्यादों की तरह उन्हें हटा दिया जाता है. क्या ये उत्तराखंड की देवभूमी का अपमान नहीं है, वहां भी कांग्रेस आ रही है. देश की सुरक्षा और देश हित को साधने में सिर्फ कांग्रेस सक्षम है.

सवाल: पंजाब में हमने काफी उठापटक देखी. कैप्टन साहब ने अपनी अलग पार्टी बना ली, फिर नवजोत सिद्धू और सीएम चन्नी आपस में भिड़ गए, बहुत सारे बवाल हुए. क्या आपको लगता है कि विधानसभा चुनाव में आपको नुकसान होगा.

जवाब: इस प्रश्न का जवाब पंजाब के किसान, मजदूर और गरीब से पूछे, वो जवाब देगा. हमने एक ऐतिहासिक समाजिक क्रांतिकारी बदलाव किया. पहली बार पंजाब में एक दलित समाज से आने वाला एक नौजवान है. ये इतिहास की संरचना है. चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab Cm Charanjit Singh Channi) साहब ने दलित, पिछड़ा, गरीब सभी को हर प्रकार की राहत दी है. हमने बिजली के बिल माफ किए. हमने बिजली बिल आधे कर दिए. शायद अमरिंदर सिंह जी बीजेपी के दबाव में हमसे अलग हो गए. हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं.

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सवाल: कैप्टन जी पुराने कांग्रेस के नेता रहे, राजीव गांधी जी के दोस्त रहे, कई बार के मुख्यमंत्री रहे. उन्होंने कहा कि उनकी बिना गलती के उनसे गद्दी छीन ली गई, उनकी बड़ी बेज्जती हुई. क्या आपको नहीं लगता कि वो कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं?

जवाब: जब कैप्टन अमरिंदर (Captain Amarinder) जी अकाली दल छोड़कर कांग्रेस में आए तब पंजाब में राजिंदर कौर भट्टल सीएम थी. राजिंदर कौर जी को हटा कर अमरिंदर जी को सीएम बनाया गया था, तब तो उन्होंने नहीं कि उन्हें सीएम नहीं बनाना चाहिए, भट्टल जी को ही सीएम रहना चाहिए. लीडरशिप एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है. क्योंकि अगले नेतृत्व को आना है. हमें अपने विधायकों को सुना, नेतृत्व परिवर्तन हुआ और एक नए नौजवान को मौका मिला, उन्हें आशीर्वाद मिलना चाहिए.

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Last Updated : Nov 27, 2021, 5:42 PM IST

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