चंडीगढ़: सीएम मनोहर लाल ने हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद द्वारा प्रारूप राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2019 पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन को समापन दिवस पर अपने सम्बोधन किया. इस दौरान सीएम ने शिक्षा से जुड़े विभिन्न आयामों की चर्चा की. सीएम ने कहा कि विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के योग्य बनें.
3 से 15 साल के हर वर्ग को मिलेगी शिक्षाराज्य ऐसी व्यवस्था की जा रही है जिससे कि तीन से 15 वर्ष की आयु वर्ग का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे और सभी का स्कूलों में दाखिला हो. राज्य सरकार प्रदेश में संयुक्त एवं एकल परिवारों की पारिवारिक आईडी तैयार कर रही है, इस आईडी में परिवार के सदस्यों की संख्या, पिता, माता, बच्चे, पति-पत्नी आदि के नाम और आयु जैसी समस्त जानकारी रहेगी. जन्म, विवाह एवं मृत्यु पंजीकरण को इस प्रणाली के साथ जोड़ा जाएगा. इस प्रकार एकत्रित आंकड़ा किसी कारणवश स्कूल नहीं जाने वाले 3 से 15 वर्ष के बच्चों की वास्तविक संख्या का पता लगाने में सहायक होगा. इससे सरकार बच्चों का स्कूलों में दाखिला सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने में भी कारगर रहेगी. इस कार्य के लिए गैर सरकारी सगठनों और अन्य स्वैच्छिक संगठनों की सहायता ली जाएगी.
पारदर्शिता के लिए पारिवारिक आईडी प्रणाली
शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभागों में भी पारिवारिक आईडी प्रणाली क्रियान्वित की जाएगी. सरकार द्वारा चलाई जा रही वृद्धावस्था पेंशन योजना, निशक्तों और अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्गों से सम्बन्धित लोगों को वित्तीय सहायता, अनुदान प्रदान करने सहित सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत लाभों के वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार यह कदम उठा रही है. प्रत्येक विभाग द्वारा लाभ पाने वालों का डाटा स्वयं रखा जाएगा
30 जून 2019 तक शिक्षा नीति की रिपोर्ट प्रेषित होगी
इससे पहले सीएम ने सम्मेलन में उपस्थित शिक्षाविदों से शिक्षा विभाग के साथ परामर्श कर प्रारूप शिक्षा नीति में सुधार के सुझाव देते हुए एक रिपोर्ट तैयार करने और रिपोर्ट 30 जून, 2019 तक प्रेषित करने को कहा है.
कौशल विकास पर बल
राज्य सरकार शिक्षा नीति, 2019 में उल्लेखित अनेक पहलों को पहले ही क्रियान्वित कर रही है. सरकार कौशल विकास पर विशेष बल दे रही है जिससे युवा रोजगार प्राप्त करने में सक्षम बनें.