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सीएम की प्रदेशभर के उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, बाढ़ नियंत्रण कार्यों का लिया जायजा

मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों के साथ बातचीत की और उनके संबंधित जिलों में चल रहे विभिन्न बाढ़ नियंत्रण कार्यों की प्रगति के बारे में फीडबैक लिया. बैठक में मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर भी मौजूद थे.

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सीएम की प्रदेशभर के उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

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Published : Jun 4, 2020, 9:17 PM IST

चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य के वीसी के जरिए प्रदेश के सभी उपायुक्तों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान सीएम ने राज्य में बाढ़ नियंत्रण की चल रही तैयारियों की समीक्षा की.

सीएम ने सभी उपायुक्तों को बाढ़ नियंत्रण के लिए चल रही अल्पावधि योजनाओं का जायजा लिया. सीएम ने सभी जिलों के उपायुक्तों पर काम तेज करने और व्यक्तिगत रूप से दौरा करने के निर्देश दिये हैं.

उपायुक्तों के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए सीएम मनोहर लाल ने निर्देश दिए कि शहरी एवं ग्रामीण ड्रेनों की सफाई करने सहित बाढ़ नियंत्रण की चल रही योजनाओं और अन्य बाढ़ नियंत्रण उपायों पर 20 जून, 2020 तक कार्य पूरा हो जाना चाहिए. बता दें कि इस समय राज्य के विभिन्न जिलों में 132.25 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 143 अल्पावधि योजनाओं पर कार्य चल रहा है.

20 जून से पहले हो गाद निकालने का काम

सीएम ने कहा कि ड्रेनों से गाद निकालने के कार्य को हर कीमत पर 20 जून, 2020 से पहले पूरा कर लिया जाना चाहिए. उन्होंने उपायुक्तों को विशेष रूप से यमुनानगर और करनाल जिलों में नदियों के तटों को सुदृढ़ किया जाना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए ताकि बाढ़ की संभावना को रोका जा सके.

बैठक में बताया गया कि राज्य में कुल 833 शहरी एवं ग्रामीण ड्रेनों में से 588 ड्रेनों की सफाई के लिए पहचान की गई है. यह भी बताया गया कि मनरेगा के तहत ड्रेनों की सफाई का कार्य तेजी से किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त, इस उद्देश्य से ड्रेनों की सूची को सिंचाई एवं जल संसाधन, शहरी स्थानीय निकाय, लोक निर्माण (भवन और सडक़ें) और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के साथ सांझा किया गया है.

ड्रेन सफाई के लिए NHAI और रेलवे का हो समन्वय

राज्य में 18 ड्रेनों का प्रबंधन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचएआई) और रेलवे द्वारा किया जा रहा है इसलिए संबंधित उपायुक्तों को निर्देश दिये गये हैं कि वे इन ड्रेनों की सफाई के लिए एनएचएआई और रेलवे के साथ समन्वय करें.

जल संचय स्थलों की पहचान की गई

बैठक में यह जानकारी दी गई कि राज्य में लगभग 522 ऐसे अस्थायी स्थलों की पहचान की गई है जहां मानसून के दौरान जल संचय की संभावना है. इन स्थलों से पम्पों के माध्यम से अतिरिक्त पानी की निकासी करने के लिए पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं और इसके लिए अस्थाई बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया गया है.

यह भी बताया गया कि नदी या नहर के तटों में कटाव की संभावना को रोकने के मद्देनजर सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने संवेदनशील स्थलों की पहचान करने के लिए कर्मचारियों का एक रोस्टर तैयार किया है। इसके अलावा, विभाग कमजोर स्थलों पर संसाधनों की तत्काल आपूर्ति के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी तैयार कर रहा है.

रिचार्जिंग शाफ्ट निर्माण के आदेश

मुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को विशेष रूप से कैथल, कुरुक्षेत्र एवं रतिया और उन अन्य क्षेत्रों में रिचार्जिंग शाफ्ट के निर्माण के लिए एक व्यापक योजना तैयार करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि योजना तैयार करते समय किसानों के अलावा क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों के सुझावों पर भी विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पहले राज्य में कम से कम 1000 रिचार्जिंग शॉफ्टस का निर्माण किया जाना चाहिए.

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