चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का अह्वान किया है कि वो ग्राम स्वराज योजना की सात स्कीमों के क्रियान्वयन को और अधिक सफल बनाने के लिए इसे अभियान का रूप दें. इन अधिकारियों को भविष्य में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, पंचायती राज संस्थान पदनामित किया जाएगा, ताकि ब्लॉक समिति और पंचायतों के कामकाज पर भी प्रशासनिक निगरानी हो सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थानों को 73वें संविधान संशोधन के अनुसार जितना सशक्त किया जाना चाहिए था, उतना हरियाणा में हुआ नहीं. कर्नाटक, गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में जिला परिषद अन्य राज्यों की तुलना में अधिक स्वायत्त हैं. हरियाणा को भी इस ओर बढ़ना होगा.
सीएम ने बताया कि हरियाणा सिविल सेवा के अधिकारियों को अलग से जिला परिषदों का मुख्य कार्यकारी अधिकारी लगाकर पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त करने की पहल की गई थी. हरियाणा सिविल सेवा के वर्ष 2002 से लेकर 2012 तक के काडर के अधिकारी यहां उपस्थित हैं, जो जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का कार्यभार देख रहे हैं, जिनका प्रशासनिक अनुभव 8 से 18 वर्ष तक का है.
उन्होंने अधिकारियों से अह्वान किया कि वो अपने प्रशासनिक अनुभव के आधार पर जिला परिषदों को एक नई रूपरेखा दें. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो जिला परिषदों के वित्तीय संसाधन जुटाने की योजनाएं तैयार करें और जनता के पैसे का सदुपयोग करें.
'गली, नाली और सड़कों से ऊपर उठकर योजनाएं बनानी होंगी'