चंडीगढ़: गुरुवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा में हरिहर नीति योजना के तहत अनाथ बच्चों के साथ उन्होंने बैठक की. इस बैठक के दौरान सीएम मनोहर ने बच्चों से बातचीत करते हुए कहा कि विकास की रोशनी से कोई भी बच्चा वंचित नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि हमारा घर और परिवार एक ही है जिसका कोई नहीं उसके हम हैं, इस भावना से काम करें. इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा भी उपस्थित रहीं.
मुख्यमंत्री ने बच्चों से कहा कि अगर किसी भी बच्चे को कोई भी परेशानी या जरूरत हो तो सभी के लिए उनके घर के द्वार हमेशा खुले हैं. समाज में ऐसे बच्चे हैं, जिनको अभिभावक छोड़ देते हैं या फिर त्याग देते हैं. ऐसे बच्चों को हरियाणा में हरिहर नीति के तहत बाल देखरेख संस्थानों में रखकर इन बच्चों का पालन-पोषण कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन बच्चों के अभिभावकों द्वारा 5 वर्ष की आयु से पहले परित्यक्त या एक वर्ष की आयु से पहले त्याग कर दिया गया हो या जिन्होंने बाल देखरेख गृहों में रहते हुए 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली हो ऐसे बच्चों को शैक्षणिक, वित्तीय सहायता और रोजगार सरकार द्वारा प्रदान करना है. उन्होंने कहा कि योजना के तहत तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण सहित मुफ्त स्कूल व उच्च शिक्षा और 25 वर्ष की आयु तक या शादी के बाद तक देखभाल, पुनर्वास और वित्तीय सहायता या शादी जो भी पहले हो, इसके अलावा पात्र लाभार्थियों को देखभाल के बाद रहने की व्यवस्था के लिए 8 हजार रुपये प्रति माह भी दिया जाता है.