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हरियाणा में कर्मचारियों को मिलता रहेगा 17 प्रतिशत महंगाई भत्ते का लाभ

सर्वकर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक को विफल बताया, वहीं महामारी के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन के कारण वित्तीय संकट के बावजूद, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्पष्ट कर दिया है कि विवाह जैसे अपरिहार्य व्यय के लिए राज्य सरकार के कर्मचारियों के अग्रिम जीपीएफ की निकासी पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा. पढ़ें पूरी खबर..

cm manohar lal
cm manohar lal

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Published : Apr 28, 2020, 11:50 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कर्मचारी नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम एक बैठक की. कर्मचारियों को सरकार की रीढ़ की हड्डी मानते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को 17 प्रतिशत महंगाई भत्ते (डीए) का लाभ मिलता रहेगा. वर्तमान राज्य सरकार के पांच सालों के कार्यकाल में, 68,560 पद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) और लगभग 5000 पद हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की ओर से भरे गए हैं.

इसके विपरीत राज्य में पिछली सरकार के पिछले 10 सालों के कार्यकाल में केवल हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से लगभग 80,000 और हरियाणा लोक सेवा आयोग की ओर से लगभग लगभग 8000 पदों को भरा गया था. वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश में एक निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती नीति अपनाई है, जिसके तहत युवाओं को योग्यता के आधार पर नौकरियां दी जा रही हैं.

सीएम ने किया नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन का धन्यवाद

उन्होंने वेतन को दोगुना लेने से मना करने और हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में एक दिन के वेतन का योगदान देने के अपने फैसले के लिए नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा का आभार भी व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि एक पत्र में एसोसिएशन ने अवगत कराया है कि मुख्यमंत्री ने मासिक वेतन नर्सिंग स्टाफ को दोगुना करने की घोषणा की थी. हालांकि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर उन्होंने बढ़ोतरी को वापस लेने का फैसला किया है. क्योंकि सरकार को बीमारी से लड़ने के लिए धन की आवश्यकता है.

इसके अलावा नियमित नर्सिंग स्टाफ ने भी हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में एक दिन के वेतन का योगदान करने की इच्छा व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने सभी स्वास्थ्य संगठनों, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और एनएचएम, पुलिस कर्मियों, स्वच्छता कर्मियों, बिजली, पब्लिक हेल्थ और अन्य सभी विभागों का भी आभार व्यक्त किया जो इस संकट की घड़ी में लगातार काम कर रहे हैं.

कर्मचारियों ने जताई राहत कोष में दान की इच्छा

उन्होंने कहा कि 2.80 लाख सरकारी कर्मचारियों में से, 2 लाख कर्मचारियों ने हरियाणा कोविड राहत कोष में योगदान करने की इच्छा व्यक्त की है और योगदान दिया. शेष कर्मचारियों से भी आगे आने और फंड में योगदान देने की अपील की है. जिसके तहत फंड में योगदान करने का विकल्प कर्मचारियों को अगले महीने के लिए भी उपलब्ध होगा.

राज्य सरकार की ओर से ये सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि राज्य में कोई भी गरीब व्यक्ति भोजन से वंचित न रहे. इसके लिए राज्य सरकार ने अब तक 1.93 करोड़ खाद्य पैकेट वितरित किए गए हैं. इसके अलावा लगभग 16,000 प्रवासी मजदूरों और बेघर लोगों के लिए राहत शिविरों की व्यवस्था की गई है. कर्मचारी संघ के नेताओं ने मुख्यमंत्री को उनके सुझाव लेने के लिए धन्यवाद दिया और उनकी ज़रूरत के समय में राज्य सरकार को सभी समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया.

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कर्मचारियों से की सहयोग की अपील

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को हर महीने 6000 से 7000 करोड़ रुपये की राशि वेतन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और ऋण अदायगी सहित पेंशन के खर्च पर करनी पड़ती है. इसलिए कर्मचारी संघ को संकट के इस समय में कुछ भत्तों को जारी रखने या स्थगित करने सहित उनके खर्चों को कम करने हेतु आगे आना चाहिए और सुझाव देना चाहिए.

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