चंडीगढ़: नगर निगम चुनाव के बाद अब मेयर का चुनाव होना (Chandigarh mayor election) है. इस चुनाव के साथ- साथ सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव भी होंगे. इन चुनावों में केवल पार्षद ही भाग लेते हैं. पार्षदों में से ही उम्मीदवारों को खड़ा किया जाता है. बाकी के बचे अन्य पार्षद वोटिंग कर मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव करते हैं. इस बार मेयर पद का यह चुनाव काफी रोचक होने वाला है.
दरअसल इसके पीछे की वजह यह है कि इस बार किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. इससे कोई भी पार्टी निश्चित तौर पर अपना मेयर बनाने की स्थिति में नहीं है. मेयर बनाने के लिए 19 सीटों का होना जरूरी है. जबकि किसी भी पार्टी के पास 19 सीटें नहीं है. आम आदमी पार्टी को 14 सीटें मिली हैं. कांग्रेस को आठ सीटें मिली है जबकि भाजपा को 12 सीटें मिली है. भाजपा के पास एक वोट सांसद का भी है जिससे भाजपा की 13 वोट हो जाते हैं. इसके अलावा कांग्रेस नेता देवेंद्र बबला की पत्नी ने भी भाजपा ज्वाइन कर ली है. वह पार्षद का चुनाव जीत चुकी है. इससे भाजपा के पास भी 14 वोट हो गए.
कैसे होगा चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर का चुनाव
नगर निगम चुनाव के बाद मेयर चुनाव होता है. चंडीगढ़ में मेयर 1 साल के लिए चुना जाता है. मेयर की सीट पहले साल के लिए महिला उम्मीदवार के लिए रिजर्व होती है. कहा जा रहा है कि मेयर चुनाव में कांग्रेस पार्टी हिस्सा नहीं लेगी. अगर ऐसा हुआ तो टक्कर भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच रहेगी. दोनों में से जिसके उम्मीदवार के पास ज्यादा वोट पड़ेगा उसके कैंडिडेट को मेयर चुन लिया जाएगा.
अगर कांग्रेस पार्टी भी मेयर चुनाव में हिस्सा लेती है तो मतदान दो बार होगा. पहली बार मतदान में तीनों पार्टियों के उम्मीदवार चुनाव में हिस्सा लेंगे. इसके बाद वोटों की गिनती होगी. मतगणना के बाद तीसरे नंबर पर रहने वाली पार्टी को चुनाव से बाहर कर दिया जाएगा और बाकी बची दो पार्टियों में दोबारा से मतदान होगा. इसके बाद जिस पार्टी के उम्मीदवार को ज्यादा वोट मिलेंगे उसे मेयर घोषित कर दिया जाएगा.
कांग्रेस के साथ- साथ आप को लगा झटका
कांग्रेस नेता देवेंद्र बबला और उनकी पत्नी का भाजपा में चले जाना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है. इसके अलावा ये आम आदमी पार्टी के लिए भी झटका है. पहले आम आदमी पार्टी के पास सबसे ज्यादा 14 सीटें थी लेकिन अब भाजपा भी आम आदमी पार्टी के बराबर आ चुकी है. देवेंद्र बाबला चंडीगढ़ कांग्रेस के सीनियर नेता रहे हैं और ऐसी उम्मीद की जा रही है कि वे कांग्रेस के अन्य पार्षदों को तोड़कर भाजपा ज्वाइन करवा सकते हैं. ऐसी सूरत में भाजपा का मेयर बनना लगभग तय हो जाता है.