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पराली प्रबंधन के लिए मुख्य सचिव ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग से की सभी उपायुक्तों की बैठक - हरियाणा मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोडा

हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोडा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा ली बैठक में कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 6 नवंबर से अब तक पराली न जलाने के लिए प्रदेश के 143 छोटे-बड़े सभी किसानों को 100 रुपये प्रति क्विटंल के हिसाब से 7 लाख 28 हजार 730 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में वितरित की जा चुकी है.

पराली प्रबंधन के लिए मुख्य सचिव ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग से की सभी उपायुक्तों की बैठक

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Published : Nov 19, 2019, 10:28 PM IST

चंडीगढ़: मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा ने मंगलवार को चंडीगढ़ में जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की. जिसमें मुख्य सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से प्रदेश में अब तक 143 छोटे-बड़े किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल की हिसाब से 7 लाख 82 हजार 730 रुपये दिए जा चुके हैं.

उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश देते हुए कहा कि पराली के एक्स-सीटू और इन-सूटी प्रबंधन के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर स्ट्रॉ बेलर यूनिट संचालकों को परिचालन लागत के रूप में दी जाने वाली 1000 रुपये की राशि को वितरित किया जा चुका है.

मुख्य सचिव ने जिला उपायुक्तों को निर्देश देते हुए कहा कि पराली के एक्स-सीटू और इन-सीटू प्रबंधन के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर और स्ट्रॉ बेलर यूनिट संचालकों को परिचालन लागत के रूप में दी जाने वाली 1000 रुपये प्रति एकड़ की राशि से संबंधित मामलों का सत्यापन जल्द-से-जल्द कर राशि जारी की जाए.

दो दिनों में ना मिले पराली की कोई नई घटना
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मुख्यत: आज और कल इन दो दिनों में पराली जलाने की एक भी घटना नहीं होनी चाहिए. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन गांवों में पराली जलाने के मामले सामने रहे हैं तो उन गांवों के सरपंचों और गांवों में नियुक्त नोडल अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाए.

पराली प्रबंधन के लिए मुख्य सचिव ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग से की सभी उपायुक्तों की बैठक

उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सैटेलाइट इेमेज का भी सहारा लिया जाए. इसके अलावा मौके पर जाकर आस-पास के क्षेत्र की भी जांच करके प्रत्यक्ष सत्यापन किया जाए. मुख्य सचिव ने कहा कि धान की फसल की कटाई अंतिम चरण पर है, इसलिए अधिकारी और भी सजग रह कर कार्य करें.

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'पिछले साल से कम जली पराली'
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण फसल अवशेष से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को लेकर गंभीर है. बैठक में मौजूद कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल पराली जलाने की घटनाओं में 31.07 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. 6 नवंबर, 2019 से अब तक 64.55 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.

बैठक में बताया गया कि पराली प्रबंधन की ओर से कदम उठाते हुए 14,512 एकड़ भूमि का इन-सीटू और 15,066 एक्स-सीटू प्रबंधन किया गया है. बैठक में बताया कि पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न उद्योगों और गौशालाओं से संपर्क किया गया है ताकि पराली का सही तरीके से प्रयोग किया जा सके.

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