चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल (Chief Secretary Sanjeev Kaushal) ने गुरुवार को राज्य में अनुसूचित जाति के कर्मचारियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया के संबंध में निर्देश जारी किया है. मुख्य सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को लिखे गये अपने पत्र में कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 28 जनवरी, 2022 के अपने फैसले में कुछ शर्तें तय की हैं, जिन्हें पदोन्नति में आरक्षण की नीति को लागू करने के लिए सरकार को पूरा करना होगा.
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इन शर्तों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अपर्याप्त प्रतिनिधित्व के संबंध में मात्रात्मक डेटा का संग्रह तथा प्रत्येक संवर्ग के लिए अलग से डेटा का अनुप्रयोग शामिल है. एक अन्य शर्त के अनुसार, यदि कोई रोस्टर मौजूद है, तो रोस्टर के संचालन की इकाई वह कैडर होगा, जिसके लिए रोस्टर में रिक्तियों को भरने के संबंध में मात्रात्मक डेटा एकत्र और लागू किया जाएगा.
मुख्य सचिव ने प्रशासनिक दक्षता बनाए रखने के लिए, प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों से आरक्षण रोस्टर को सख्ती से कायम रखने और जिन अधिकारियों की पदोन्नति हेतु विचार किया जा रहा है, उनकी उपयुक्तता का तत्परता से मूल्यांकन करने को कहा है. निर्देश में कहा गया है कि चूंकि जरनैल सिंह से सम्बन्धित मामले वर्तमान में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में लंबित हैं, इसलिए जारी किए गए कोई भी पदोन्नति आदेश उक्त मामलों में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भविष्य में पारित किए जाने वाले आदेशों पर निर्भर करेंगे. इन निर्देशों का उद्देश्य कानून और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार अनुसूचित जाति के लिए पदोन्नति में आरक्षण का निष्पक्ष और न्यायसंगत कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है.
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