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अनलॉक-1 के प्रबंधों पर CS केशनी आनंद अरोड़ा ने की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए निर्देश

मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ ने अधिकारियों को आदेश दिए हैं के लेबर चौक पर आने वाले मजदूरों का डाटा इकट्ठा किया जाए. उन्होंने कहा है कि जिस भी मजदूर का भवन एवं सनिर्माण बोर्ड में पंजीकरण नहीं है उनका असंगठित क्षेत्र के मजदूरों में पंजीकरण किया जाए.

chief secretary keshni anand arora meeting on unlock 1 arrangements
chief secretary keshni anand arora meeting on unlock 1 arrangements

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Published : Jun 2, 2020, 4:25 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने लेबर चौक पर आने वाले मजदूरों के भवन एवं सनिर्माण बोर्ड में पंजीकरण को लेकर जानकारी जुटाने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि मजदूरों से सम्पर्क करने के लिए संबंधित स्थानीय कमेटी, श्रम विभाग व जिला उपायुक्तों की ओर से प्रतिनिधि लेबर चौक पर उपस्थित रहें और उनसे जानकारी ली जाए.

मजदूरों का असंगठित क्षेत्र में होगा पंजीकरण

उन्होंने कहा कि अगर उनका पंजीकरण नहीं है तो उनका असंगठित क्षेत्र के मजदूरों में पंजीकरण किया जाए और स्थानीय कमेटी के माध्यम से उनके राशन की व्यवस्था की जाए. ये निर्देश मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई अनलॉक-1 के प्रबंधों पर संकट समन्वय समिति की वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से उपायुक्तों की बुलाई गई समीक्षा बैठक में दिए गए.

सीएस मुख्य सचिव ने जिला उपायुक्तों को दिए निर्देश

मुख्य सचिव ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा जारी अनलॉक-1 के दिशा-निर्देशानुसार सभी जिला उपायुक्त अपने-अपने जिलों में धारा-144 लागू करने के आदेश जारी करेंगे. इस चरण में कर्फ्यू का समय रात 9 बजे से सुबह पांच बजे तक रहेगा. इसी प्रकार, दुकानों को खोलने का समय सुबह 9 बजे से शाम सात बजे तक रहेगा.

कोविड-19 को लेकर मैप होगा तैयार

बैठक में उपायुक्तों को इस बात के भी निर्देश दिए गए कि वो अपने-अपने जिलों का एक मैप तैयार करें जिसमें फोन नम्बर सहित कोविड-19 टेस्ट लैब की पूर्ण जानकारी हो. अगर कोई व्यक्ति किसी भी समय कोविड-19 का टेस्ट करवाना चाहता है तो उसे जानकारी होनी चाहिए कि उसे अपने जिले में प्राइवेट या सरकारी किस नजदीकी लैब में जाना है.

'हर एक कंटेनमेंट जोन में नोडल अधिकारी लगाना संभव नहीं'

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने इलाज संबंधी हिदायतों के बारे भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ए एंड एम लक्षण वाले मरीजों को 10 दिन अस्पताल में रखने के बाद डिस्चार्ज किया जाता था. मरीज का सैम्पल तीन दिन पहले टेस्ट लैब में भेजा जाए, ताकि 10 वें दिन डिस्चार्ज से पहले रिपोर्ट प्राप्त हो जाए.

उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन बढ़े हैं और अकेले गुरुग्राम में 100 कंटेनमेंट जोन हैं. प्रत्येक कंटेनमेंट जोन में नोडल अधिकारी लगाना संभव नहीं है इसलिए विभिन्न कंटेनमेंट जोन को सेक्टर के रूप में समायोजित करके प्रत्येक सेक्टर में नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा. उन्होंने इस बात की जानकारी भी दी कि अब प्रबंधन कार्य पर अधिक ध्यान देना होगा.

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