चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र के दौरान मंगलवार को बेरोजगारी के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा देखने को मिला. दरअसल, कांग्रेस के विधायक चिरंजीवी राव ने सरकार से प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर आंकड़े जारी करने की मांग की थी. जिस पर सरकार की तरफ से सदन के पटल पर आंकड़े रखे गए थे. विधायक चिरंजी राव ने पूछा कि सरकार ने अपने जवाब में यह नहीं बताया था कि पिछले 8 साल के दौरान हरियाणा में बेरोजगारी दर घटी है या बढ़ी है. इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि पीएलएफएस के वर्तमान आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में बेरोजगारी दर 9.3 प्रतिशत और देश में 4.3 प्रतिशत है.
इसका मतलब हरियाणा की बेरोजगारी दर देश की बेरोजगारी दर से दोगुनी से भी ज्यादा है. वहीं अगर सीएमआईआई की रिपोर्ट की माने तो हरियाणा में बेरोजगारी दर करीबन 30 प्रतिशत के आसपास पहुंच गई है. इसके साथ ही विधायक राव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक बार सीएमआईआई के खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही थी. क्योंकि वह प्रदेश की इमेज खराब करती है.
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बेरोजगारी से संबंधित लाए गए प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समय-समय पर सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम कार्यान्वय मंत्रालय द्वारा पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) करवाया जाता है. पीएलएफएस की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में 2017-18 में बेरोजगारी दर 8.6 प्रतिशत, 2018-19 में 9.2 प्रतिशत, 2019-20 में 6.5 प्रतिशत और 2020-21 में 6.3 फीसदी थी.