चंडीगढ़:1 जून से पूरे देश में अनलॉक पीरियड शुरू हो गया था. हर वर्ग को यही आस थी कि अब उनका काम दोबारा से पटरी पर लौटेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन ने इस कदर नुकसान पहुंचाया कि अनलॉक के बाद भी हालात सामान्य नहीं हुए.
बात अगर चंडीगढ़ में ट्रासपोर्ट सर्विस करें, तो यहां पर अब ट्रकों की आवाजाही 50 फीसदी तक कम हो गई है. ट्रकों के ना चलने से इसका खामियाजा ट्रक ड्राइवर, पल्लेदार, क्लीनर और मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है.
ट्रक ड्राइवरों पर मंडरा रहा आर्थिक संकट, पल्लेदार भी बैठे खाली लॉकडाउन की मार ऐसी थी कि हर किसी को आर्थिक तौर पर गहरी चोट पहुंची. वहीं अब अनलॉक में पहले की तरह बाजारों में भीड़ नहीं है. लोग कम से कम पैसा खर्च करने को मजबूर हैं. यही कारण है पहले की तरह मार्केट में डिमांड नहीं है और इसकी सीधा असर ट्रांसपोर्ट सर्विस पर पड़ रहा है.
खाली बैठे हैं पल्लेदार मजदूर
चंडीगढ़ में ट्रकों की आवाजाही सामान्य नहीं है. इसलिए लोडिंग-अनलोडिंग करने वाले पल्लेदार मजदूर भी मायूस हैं. कुछ पल्लेदारों ने बताया कि उनका काम ट्रकों के ऊपर निर्भर है, लेकिन अब पहले की तरह ट्रक नहीं चल रहे हैं, इसलिए ज्यादातर मजदूर घर बैठने को मजबूर हैं.
चंडीगढ़ की ट्रांसपोर्ट सर्विस मोहाली और पंचकूला के औद्योगिक क्षेत्रों से भी जुड़ी हुई है. वहीं हिमाचल, पंजाब और हरियाणा में चंडीगढ़ के ट्रासपोर्टर अपने ट्रक चलाते हैं, लेकिन अब हालात पहले जैसे नहीं हैं. भारी संख्या में ट्रक पार्किंग एरिया में खड़े रहते हैं. जिस ट्रांसपोर्टर का काम पहले 5 से 6 ट्रकों का था, अब वही ट्रांसपोर्टर एक या दो ट्रक से काम करने को मजबूर है.
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