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मिसाल है चंडीगढ़ की चाय वाली किन्नर मोना, जिसे मेहनत मंजूर है बधाइयों की भीख नहीं

आप लोगों ने आमतौर पर किन्नर समाज के लोगों को बधाई मांगते देखा होगा, लेकिन चंडीगढ़ में एक किन्नर है जो दूसरों से बेहद अलग है. चंडीगढ़ की चाय वाली किन्नर मोना (chandigarh transgender tea seller) मेहनत कर अपनी एक छोटी सी चाय की दुकान चलाती है, क्योंकि वो अपनी जिंदगी किसी के रहमों करम पर नहीं जीना चाहती.

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Published : Dec 23, 2021, 10:31 PM IST

Updated : Dec 24, 2021, 6:17 PM IST

chandigarh transgender tea seller
मिसाल है चंडीगढ़ की चाय वाली किन्नर मोना

चंडीगढ़: देश में हम सबको समानता का अधिकार है. चाहे बात पढ़ाई की हो, खेलकूद की हो या नौकरी की हो, लेकिन आज 21वीं सदी में भी एक किन्नर समानता के बारे में कभी सोच भी नहीं सकता और वही करता है जो किन्नर समाज के ज्यादातर लोग करते आए हैं, लेकिन चंडीगढ़ की चाय वाली किन्नर मोना (chandigarh transgender tea stall owner mona) कुछ अलग हैं, जिन्होंने तमाम संघर्षों के बावजूद जिंदगी को अपनी शर्तों पर जीने का फैसला किया, क्योंकि इन्हें मेहनत मंजूर है बधाइयों की भीख नहीं.

मोना चंडीगढ़ में एक छोटी सी चाय की दुकान लगाती है. मोना की आमदनी बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन इसके बावजूद वे खुश हैं. उन्हें दूसरे किन्नरों की तरह दर-दर पैसे मांगने के लिए नहीं जाना पड़ता. मोना कहती हैं कि वो चाहती तो दूसरे किन्नरों के जैसे जिंदगी बिता सकती थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने अपने लिए मेहनत कर अपना पेट पालना सही समझा.

मिसाल है चंडीगढ़ की चाय वाली किन्नर मोना, देखिए वीडियो

ईटीवी भारत की टीम ने मोना से बात की. मोना ने हमें बताया कि वह झारखंड के रांची की रहने वाली हैं. पिछले 10 सालों से चंडीगढ़ में चाय की दुकान लगा रही हैं. इससे पहले उन्होंने कई फैक्ट्रियों में नौकरी भी की, लेकिन ज्यादा समय वहां काम नहीं कर पाई. इसके बाद उन्होंने चाय की दुकान लगाने के बारे में सोचा. अब यहीं पर ही दुकान लगाती हैं और चंडीगढ़ में ही रहती हैं.

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चंडीगढ़ के लोग अच्छे से पेश आते हैं:मोना बताती हैं कि कई बार लोग किन्नरों से दूर रहना पसंद करते हैं. उनसे बात भी करना नहीं चाहते, लेकिन यहां आने के बाद उन्हें कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ. यहां पर सभी लोग उनकी दुकान पर आते हैं. अच्छी तरह से पेश आते हैं और उन्हें कभी नहीं लगा कि बाकी लोग उनसे अलग है. इसके अलावा मोना ने बताया कि चंडीगढ़ में जो उनके समाज के लोग हैं या उनके समाज के गुरु हैं वह भी उन्हें पूरा सहयोग करते हैं.

मोना की चाय के चंडीगढ़ वाले हैं मुरीद

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हमने मोना की दुकान पर चाय पीने के लिए आए लोगों से भी बात की. इन लोगों ने बताया कि वे पिछले कई सालों से मोना के पास चाय पीने के लिए आ रहे हैं. उन्हें कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि मोना उनसे अलग है. ऐसा नहीं लगा कि हमें उनके पास नहीं जाना चाहिए. उनका कहना है कि मोना बहुत अच्छी हैं. उनका व्यवहार बहुत अच्छा है और इसी वजह से वह किसी दूसरी दुकान पर ना जाकर सिर्फ मोना की दुकान पर ही आते हैं. लोगों का कहना था कि मोना इतनी अच्छी है कि मोना से उनका दोस्ती का रिश्ता बन गया है और उनके हाथ की चाय भी लाजवाब है.

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मोना सिर्फ किन्नर समाज के लोगों नहीं बल्कि हर इंसान के लिए एक प्रेरणा है. क्योंकि हमारे समाज में बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें मुख्यधारा से अलग थलग कर दिया जाता है. ऐसे में बहुत से लोग जिंदगी से हार मान लेते हैं. क्योंकि उन्हें लगता है कि अब वे जिंदगी में कुछ नहीं कर पाएंगे. बेहद कम लोग ऐसे होते हैं जो समाज से दुत्कारे जाने के बावजूद जिंदगी को अपनी शर्तों पर जीने की हिम्मत रखते हैं. हालांकि एक चाय की दुकान लगाना कोई बड़ी बात नहीं है. लेकिन एक किन्नर का चाय की दुकान शुरू करना और लोगों का दुकान पर लगातार आना और उन्हें पसंद करना. ये सही मायने में एक बड़ी बात है.

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Last Updated : Dec 24, 2021, 6:17 PM IST

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