चंडीगढ़: जम्मू कश्मीर में धारा 370 के हटाए जाने के मुद्दे पर पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र दो गुटों में बंटे हुए नजर आए. छात्रों के एक गुट ने केंद्र सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध किया. कुछ छात्रों का कहना था कि सरकार भारत में तानाशाही चला रही है. कश्मीर को लेकर इतना बड़ा फैसला लेने से पहले वहां के लोगों से पूछा तक नहीं गया.
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पंजाब विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों का कहना है कि सरकार ने अपनी मर्जी से कश्मीर पर इतना बड़ा फैसला ले लिया. वहां के लोगों से बात करना तो दूर उल्टा कश्मीर में फोन और इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया गया. यह कहां का लोकतंत्र है. यह लोकतंत्र नहीं बल्कि मोदी और अमित शाह तंत्र है. प्रधानमंत्री मोदी हिटलर की राह पर चल रहे हैं और भारत को जर्मनी जैसा देश बना रहे हैं.
छात्रों ने उठाए सरकार की नीतियों पर सवाल!
छात्र नेता प्रभमीत ने कहा कि सरकार ने कुछ दिन पहले ही कश्मीर में आए दूसरे राज्यों के लोगों को वहां से निकल जाने के लिए कहा था क्योंकि उनकी जान को खतरा हो सकता था, लेकिन कश्मीर के लोगों को वहीं रहने दिया. क्या उनकी जान को खतरा नहीं था? क्या वो भारत के वासी नहीं थे? सरकार कश्मीर और कश्मीर के लोगों की जान को दांव पर लगाकर दूसरे राज्यों में अपना वोट बैंक बढ़ा रही है और इसलिए हम उनके इस फैसले का विरोध करते हैं.
सरकार के पक्ष में भी हैं कुछ छात्र
दूसरे गुट के छात्रों ने कहा कि देश में वामपंथी विचारधारा के लोगों का सिर्फ एक ही काम है और वह है हर मामले पर केंद्र सरकार की बुराई करना. वे लोग सरकार के सही या गलत फैसले को नहीं देखते. वह सिर्फ सरकार की बुराई करना जानते हैं. कश्मीर को लेकर लिया गया यह फैसला बिल्कुल सही है, उनका कहना था कि दक्षिण भारत में भी भारत से अलग होने की मांग होती रही है. पूर्वोत्तर राज्यों में भी यह सब चलता रहा है तो क्या हमें उनकी भी मांगे मान लेनी चाहिए थी.
सरकार ने कश्मीर को लेकर जो किया है वह बिल्कुल सही है. इससे दूसरे लोगों को भी संदेश जाएगा और हमारा देश एक है. इसलिए इसमें दो झंडे नहीं चलते देश का एक झंडा होता है और भारत का झंडा तिरंगा है और इसके अलावा यहां पर किसी और झंडे की जगह नहीं है.