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शादी से बड़ा फर्जः चंडीगढ़ में नर्स ने कोरोना मरीजों की सेवा के लिए टाल दी शादी

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Published : May 7, 2020, 5:11 PM IST

Updated : May 7, 2020, 5:28 PM IST

रुचिका चौधरी, सेक्टर 16 के सरकारी अस्पताल में स्टाफ नर्स के तौर पर काम करती हैं. उनकी शादी 2 मई को होनी थी, लेकिन शादी से ज्यादा जरूरी उन्हें अपना काम लगा. यही वजह है कि उन्होंने शादी करने की बजाए कोरोना मरीजों के प्रति अपने फर्ज को चुनते हुए, शादी टाल दी.

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कोरोना मरीजों की सेवा के लिए स्टाफ नर्स ने टाल दी शादी

चंडीगढ़: कोरोना वायरस से देश की जंग लगातार जारी है. ऐसे में अपने घर परिवार की परवाह किए बगैर ही हमारे डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ कोरोना मरीजों को ठीक करने में लगे हैं. ये लोग अपनी जान की परवाह किए बिना ही देश की सेवा कर रहे हैं. ऐसा ही एक उदाहरण चंडीगढ़ में देखने को मिला है. जहां रुचिका नाम की स्टाफ नर्स ने कोरोना मरीजों की देखभाल करने के लिए अपनी शादी ही टाल दी.

रुचिका चौधरी, सेक्टर 16 के सरकारी अस्पताल में स्टाफ नर्स के तौर पर काम करती हैं. उनकी शादी 2 मई को होनी थी, लेकिन शादी से ज्यादा जरूरी उन्हें अपना काम लगा. यही वजह है कि उन्होंने शादी करने की बजाए कोरोना मरीजों के प्रति अपने फर्ज को चुनते हुए, शादी टाल दी.

स्टाफ नर्स रुचिका चौधरी ने की ईटीवी भारत से बातचीत

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए रुचिका चौधरी ने कहा कि शादी तो सब ठीक होने के बाद कभी भी की जा सकती है, लेकिन इस वक्त देश को उनकी जरूरत है. उन्होंने शादी टालने की वजह बताते हुए कहा कि वो कोरोना मरीजों के बीच काम कर रही है. ऐसे में शादी करने के लिए उन्हें पहले 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन होना पड़ता, जिसके बाद जाकर शादी हो पाती. ऐसे में 14 दिन होम क्वारंटीन होने से अच्छा है कि इस दौरान कोरोना मरीजों का इलाज किया जाए.

रुचिका ने बताया कि पहले उनके परिवार ने उन्हें समझाने की कोशिश करते हुए कहा कि शादी तीन चार लोगों के साथ कर लेते हैं, लेकिन जब उन्होंने मेरी पूरी बात सुनी तो वो भी राज़ी हो गए. इसके साथ ही रुचिका ने बताया कि उनके इस फैसले का उनके मंगेतर ने भी सपोर्ट किया. अब उनके मंगेतर भी कोरोना ठीक होने के बाद ही शादी करने पर राजी हैं.

बहन चंडीगढ़ PGI में है डॉक्टर

रुचिका की बहन भी डॉक्टर हैं जो पीजीआई में काम कर रही हैं, इसलिए उनके माता-पिता दोनों बहनों को लेकर काफी चिंता में रहते हैं , क्योंकि दोनों ही आपातकालीन सेवाएं दे रही हैं. रुचिका ने कहा कि उनके माता-पिता का परेशान होना जायज है. लेकिन इस वक्त देश के लिए उनका फर्ज सबसे बड़ा है और जब देश इस महासंकट से बाहर निकल जाएगा तब वो अपनी निजी जिंदगी और अपने परिवार के बारे में सोचेंगी.

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Last Updated : May 7, 2020, 5:28 PM IST

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