चंडीगढ़: प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती. प्रतिभा निखारने के लिए जरूरत है तो सिर्फ लगन और मेहनत की. इसके बाद जहां भी मंच मिलता है. प्रतिभा सबके सामने आ जाती है और तब उसे कोई रोक नहीं सकता. इन्हीं बातों को सच साबित कर रही हैं चंडीगढ़ सेक्टर 22 के सरकारी स्कूल की छात्राएं. जो साल दर साल नए-नए कीर्तिमान अपने नाम करती जा रही हैं. ये छात्राएं स्कूल की फुटबॉल टीम की खिलाड़ी हैं. स्कूल में अंडर 14 और अंडर 17 आयु ग्रुप की दो टीमें है. इन दोनों टीमों में खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी हैं. उनका सपना है कि भविष्य में वे देश के लिए खेलें.
इस संबंध में 15 साल की खिलाड़ी नंदिनी ने बताया कि वे अभी नौवीं क्लास में पढ़ती हैं और उन्होंने सातवीं क्लास में फुटबॉल खेलना शुरू किया था. सातवीं क्लास में ही उन्हें नेशनल गेम्स में खेलने का मौका मिला. इसके अलावा रिलायंस फाउंडेशन गेम्स में उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी चुना गया था.
उन्होंने कहा कि जब वे दूसरे बच्चों को फुटबॉल खेलते हुए देखती थीं. तो उनका भी मन करता था कि वह भी फुटबॉल खेलें. इसके बारे में अपने माता-पिता से बात की और फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया. वो पढ़ाई को भी पूरा समय दे रही हैऔर सुबह और शाम को फुटबॉल के लिए प्रैक्टिस करती है. उनका भी सपना है कि वे एक दिन देश के लिए खेलें.
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राष्ट्रीय खेलों में बेस्ड बेड ऑफ टूर्नामेंट अवार्ड से नवाजी जा चुकी है साक्षी
वहीं 14 साल की साक्षी ठाकुर ने बताया की वो आठवीं क्लास में पढ़ती हैं. उन्होंने चौथी क्लास से फुटबॉल खेलना शुरू किया था. हालांकि माता पिता उन्हें सहयोग करते हैं, लेकिन ये भी कहते हैं कि पढ़ाई से समझौता नहीं होना चाहिए. इसलिए वो पढ़ाई को भी पूरा समय दे रही है और फुटबॉल को भी.
साक्षी दो बार राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा ले चुकी हैं और उन्हें बेस्ट बेड ऑफ टूर्नामेंट के अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।. सरकारी स्कूल में मिल रही सुविधाओं के बारे में बोलते हुए साक्षी ने कहा की एक खिलाड़ी के लिए ये बात ज्यादा महत्व नहीं रखती कि उसके खेल का मैदान कैसा है और उसे कितनी सुविधाएं मिल रही है. एक खिलाड़ी के लिए खेलना ही सबसे महत्वपूर्ण होता है.
हर साल खिलाड़ियों का होता है राष्ट्रीय खेलों के लिए सिलेक्शन-कोच