चंडीगढ़: देशभर में गार्बेज फ्री शहरों के सर्वेक्षण में चंडीगढ़ को 3 स्टार रैंकिंग मिली है. ये रैंकिंग शहरों में कचरे के निष्पादन और साफ-सफाई के आधार पर दी जाती है. इस सर्वेक्षण में देश भर से 141 शहरों को शामिल किया गया था. जिसमें चंडीगढ़ को सात में से तीन स्टार मिले हैं.
हालांकि चंडीगढ़ नगर निगम ने फाइव स्टार रैंकिंग के लिए अप्लाई किया था, लेकिन कुछ मानकों पर खरा नहीं उतरने की वजह से चंडीगढ़ को तीन स्टार रैंक पर ही संतोष करना पड़ा. 7 में से तीन स्टार रैंक आने पर कांग्रेस ने बीजेपी को आड़े हाथ लिया है. ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता देवेंद्र बबला ने कहा कि बीजेपी ने चंडीगढ़ का ऐसा हाल कर दिया है कि ये शहर अब 1 स्टार देने के लायक नहीं रहा.
गार्बेज फ्री शहरों के सर्वेक्षण में चंडीगढ़ पिछड़ा, देखें रिपोर्ट चंडीगढ़ में बहुत से प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं. इसमें शहर की सफाई के साथ मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, होटल एसोसिएशन, स्कूल और कॉलेजों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहता है. स्थानीय लोगों की फीडबैक भी इस सर्वे में ली जाती है.
इससे पहले चंडीगढ़ को इस सर्वेक्षण में 1 स्टार रैंकिंग मिली थी. इस बारे में चंडीगढ़ के सीनियर डिप्टी मेयर रविकांत शर्मा ने कहा कि इस बार कुछ कमियां रह गई. जिस वजह से चंडीगढ़ को फाइव स्टार रैंकिंग नहीं मिल पाई. इसमें सबसे बड़ा मुद्दा कचरे का सैरीगेशन रहा. अभी तक कचरे का सैरीगेशन का काम पूरा नहीं हो पाया है.
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कचरे का सही तरीके से निष्पादन ना होना चंडीगढ़ में बड़ी समस्या बना हुआ है. डडूमाजरा में डंपिंग ग्राउंड को हटाने के लिए जो प्रोजेक्ट शुरू किया था. वो भी लॉकडाउन की वजह से बंद है. उम्मीद है जल्द ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा.
इन शर्तों पर मिलता है 7 स्टार का दर्जा
- सभी शहरवासी क्षेत्रों और बाजारों से 100 फीसदी डोर टू डोर कचरा कलेक्शन हो रहा है या नहीं?
- डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में गीला और सूखा कचरा स्पॉट से ही अलग-अलग किया जाता है या नहीं?
- सभी कॉलोनियों, सार्वजनिक स्थलों, सड़कों और मार्केट में सुबह झाडू लगती है या नहीं?
- हर सौ मीटर पर लिटरबिन लगाए गए हैं या नहीं?
- प्लास्टिक पर सौ फीसदी बैन है या नहीं? बैन का उल्लंघन करने वालों पर पेनल्टी लगाने का सिस्टम शुरू किया गया या नहीं?
- नियम 2016 के तहत बल्क वेस्ट जनरेटर कम्प्लाइंस होना चाहिए. यानी होटल, हॉस्पिटल का वेस्ट वहीं वैज्ञानिक तरीके से डिस्ट्रॉय होना चाहिए.
- साइंटिफिक तरीके से वेस्ट ट्रीटमेंट होना चाहिए. जिस ट्रेंचिंग ग्राउंड पर वेस्ट जाता है वहां सौ फीसदी वैज्ञानिक तरीके से ही निपटारा होता है या नहीं?
- निगम को स्वच्छता से जुड़े बिंदुओं पर लोगों से फीडबैक लेना चाहिए. शहर की आबादी के 50 फीसदी लोगों के पास स्वच्छता एप डाउनलोड हो.
- शहरभर में स्टॉम वॉटर लाइन सिस्टम व्यवस्थित हो. नदी, नाले, तालाब पूरी तरह साफ-सुथरे हो.
- शहर में चौराहे, बाजार, सार्वजनिक स्थल और सड़कों-तालाबों के किनारे सौंदर्यीकरण होना चाहिए.
- वेस्ट रिडक्शन होना चाहिए. घर पर ही कंपोस्टिंग सिस्टम लगाए जाने चाहिए.
ये हैं सफाई का अंकगणित
- 1000 अंक है 4 स्टार रेटिंग यानी कचरा मुक्त शहर के लिए.
- 250 अंक ओडीएफ डबल प्लस सर्टिफिकेट के लिए
- 1250 अंक सिटी रैंकिंग टीम निरीक्षण के लिए
- 1250 अंक है सफाई को लेकर दी जाने वाली सर्विस के लिए
- 1250 अंक सिटीजन फीडबैक के लिए
कुल मिलाकर 5000 अंक होते है. जिसके आधार पर रैंक को बनाया जाता है.