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चंडीगढ़: लॉरेंस बिश्नोई गैंग का गैंगस्टर गिरफ्तार, देसी पिस्तौल समेत 3 जिंदा कारतूस बरामद - लॉरेंस बिश्नोई गैंग न्यूज

चंडीगढ़ पुलिस ने विपिन कुमार उर्फ करण बनूड़ को एक देसी पिस्टल और तीन जिंदा कारतूस के साथ रामदरबार स्थित मस्जिद के पास से गिरफ्तार किया है.

Chandigarh Police arrested gangster of Lawrence Bishnoi gang
Chandigarh Police arrested gangster of Lawrence Bishnoi gang

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Published : Feb 5, 2020, 7:00 PM IST

Updated : Feb 5, 2020, 7:18 PM IST

चंडीगढ़: थाना-31 की पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर विपिन कुमार उर्फ करण बनूड़ को एक देसी पिस्टल और तीन जिंदा कारतूस के साथ रामदरबार स्थित मस्जिद के पास से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उसे जिला अदालत में पेश किया और एक दिन की पुलिस रिमांड हासिल की.

फिलहाल पुलिस करन बनूड़ से पूछताछ कर रही है कि उसके पास हथियार कहां से आया. पुलिस का कहना है कि करन किसी वारदात को अंजाम देने कि फिराक में था.

चंडीगढ़ पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गैंगस्टर को किया गिरफ्तार
बता दे कि गैंगस्टर दीपू के खिलाफ हत्या सहित करीब 20 केस दर्ज हैं. दीपू ने संपत, टीनू व अन्य के साथ मिलकर हत्या सहित कई वारदातों को अंजाम दे चुका है. इन तीनों गैंगस्टरों ने बनूड़ में पूर्व पार्षद के पति पिंछी कि भी गोलियां मारकर हत्या कर दी थी. दीपू और करन लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य हैं

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कौन है लॉरेंस बिश्नोई?

कहने को तो लॉरेंस विश्नोई स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी नाम का एक संगठन चलाता है. लेकिन पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में लॉरेंस विश्नोई एक आतंक का नाम है. पंजाब के फाजिल्का के अबोहर के रहने वाले लॉरेंस के पिता लविंद्र कुमार पंजाब पुलिस में कॉन्सटेबल रह चुके हैं. उसके पास पुश्तैनी जमीन के नाम पर करीब सात करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी है. शुरुआती दिनों से ही लॉरेंस को शान-ओ-शौकत का चस्का था.

उसने अबोहर के ही एक कॉन्वेंट स्कूल से 10वीं की पढ़ाई की है. आगे की पढ़ाई के लिए ये चंडीगढ़ के डीएवी स्कूल में चला गया और वहां से 12वीं पास की. इसके बाद उसने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया. पढ़ाई के दौरान ही उसने अपना छात्र संगठन सोपू बनाया और उसके बैनर तले स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा. उसके सामने चुनावी मैदान में उदय सह और डग का ग्रुप था, जिससे लॉरेंस चुनाव हार गया.

इस हार के बाद चंडीगढ़ के सेक्टर 11 में फरवरी 2011 में एक दिन लॉरेंस और उसके विरोधी गुट का आमना-सामना हो गया. इस दौरान लॉरेंस ने उदय सह के ग्रुप पर फायरिंग कर दी. ये पहली बार था, जब लॉरेंस ने फायरिंग की थी. दूसरी तरफ से भी फायरिंग हुई. पुलिस ने जब केस दर्ज किया, तो उसमें लॉरेंस का भी नाम था. ये पहला मुकदमा था, जो लॉरेंस के नाम पर दर्ज हुआ था. इसके बाद से लेकर अब तक लॉरेंस पर करीब 50 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से 30 में वो बरी हो चुका है.

Last Updated : Feb 5, 2020, 7:18 PM IST

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