चंडीगढ़: अस्पतालों में तैनात डॉक्टर्स, नर्स व अन्य कर्मचारी दिन-रात कोरोना के मरीजों का इलाज करने में लगे हुए हैं, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो पर्दे के पीछे रहते हुए अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं और उनकी भूमिका इतनी महत्वपूर्ण है कि उनके बिना डॉक्टर्स के लिए कोरोना के मरीजों का इलाज करना बेहद मुश्किल हो जाएगा.
ये लोग पीजीआई की लेबोरेटरी टीम का हिस्सा हैं जो एवीजी मशीन पर काम करते हैं. ये लोग मरीजों के उन टेस्ट को अंजाम देते हैं जिनके सहारे डॉक्टर्स एक मरीज की हालत को सही तरीके से जान पाते हैं और मरीज का सफलतापूर्वक इलाज कर पाते हैं.
क्यों जरूरी है एवीजी मशीन ?
एवीजी मशीन पर काम करने वाले डॉ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि कोरोना के मरीज के शरीर में कई तरह की प्रक्रियाएं चल रही होती हैं जिससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा घटती और बढ़ती रहती है. इसके साथ ही कई अन्य तरह के रसायन होते हैं, जिनकी मात्रा कम ज्यादा होती रहती है.
उन्होंने बताया कि डॉक्टरों को इलाज के दौरान इन सभी पहलुओं पर ध्यान देना होता है. हमारी टीम लगातार इस मशीन के साथ मरीजों के टेस्ट करती रहती है. जिसके बाद डॉक्टरों को रिपोर्ट भेजी जाती है और रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर मरीज का सही तरीके से इलाज कर पाते हैं. उन्होंने बताया कि एवीजी मशीन से अभी तक 1100 कोरोना मरीजों का टेस्ट हो चुका है.