चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई. बैठक में वर्ष 2021-22 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दी गई. बता दें कि हरियाणा में वित्त वर्ष 2020-21 में कुल आबकारी संग्रहण 6792 करोड़ रुपये रहा. जबकि वित्त वर्ष 2019-20 में 6361 करोड़ रुपये का संग्रहण हुआ था. मई 2020 के पहले सप्ताह तक पूर्ण लॉकडाउन और वर्ष 2020-21 में लम्बे समय के लिए समग्र आर्थिक मंदी के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आबकारी राजस्व में 6.69 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.
बता दें कि वर्ष 2020-21 के लिए खुदरा विक्रेताओं के आवंटन की अवधि 19 मई 2021 को समाप्त हो जाएगी. इसलिए नीति वर्ष 2020-21 के लिए आबकारी राजस्व में वृद्धि 15 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है. आबकारी नीति की अवधि 20 मई 2021 से 19 मई 2022 तक होगी. सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 में शराब की बिक्री पर कोविड उपकर को समाप्त करने का निर्णय लिया है.
वर्ष 2020-21 के सीएल (एल-14 ए) और आईएमएफएल (एल -2) जोन के मौजूदा लाइसेंसधारकों को नीति वर्ष 2021-22 के लिए अपने लाइसेंस को नवीनीकृत करने का विकल्प दिया गया है. सीएल और आईएमएफएल ज़ोन के लाइसेंसों को वर्ष 2020-21 के लिए ‘बेस लाइसेंस फीस/आनुपातिक लाइसेंस फीस पर 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ नवीनीकृत किया जाएगा.
बता दें कि बाकी जोन जिनका नवीनीकरण नहीं किया जाएगा. उनके लिए बोलियां आमंत्रित की जाएंगी. अगर मौजूदा लाइसेंसधारकों से ठेकों के नवीनीकरण के लिए पर्याप्त संख्या में आवेदन प्राप्त नहीं होते हैं तो सक्षम प्राधिकारी सभी जोन के ठेकों के लिए ई-बोली / ई-निविदा आमंत्रित कर सकते हैं.
नीति वर्ष 2021-22 के दौरान आईएमएफएस का कोटा 550 लाख प्रूफ लीटर से बढ़ाकर 625 लाख प्रूफ लीटर कर दिया गया है .जबकि देशी शराब के कोटे में बदलाव नही किया जाएगा. कोविड के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की खुदरा दुकानों की बिक्री का समय अप्रैल से अक्टूबर तक प्रात: 8 बजे से रात 11 बजे तक और नवंबर से मार्च तक प्रात: 8 बजे से रात 10 बजे तक निर्धारित किया गया है.