चंडीगढ़:कहते हैं कि इस दुनिया में कुछ भी बेकार नहीं है. हर बेमतलब, टूटी-फूटी चीज बेशकीमती है अगर वो सही वक्त पर सही जगह है. इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण चंडीगढ़ का रॉक गार्डन है. जो पूरी दुनिया में पहचान बना चुका है, लेकिन आज हम रॉक गार्डन की बात नहीं करेंगे हैं. आज हम बात करेंगे चंडीगढ़ के नरेश कोहली के बनाए मिनी रॉक गार्डन की.
नरेश कोहली ने रॉक गार्डन से प्रेरित होकर अपने घर के पास पड़ी खाली जमीन पर एक ऐसा ही गार्डन बनाया है. जो आप पड़ोस के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है. नरेश कोहली ने गजब का दिखने वाल ये गार्डन बेकार और टूटे-फूटे सामान से बनाया गया है.
चंडीगढ़ के इस शख्स ने बनाया 'मिनी रॉक गार्डन', देखिए वीडियो रॉक गार्डन निर्माता नेक चंद से मिला प्रेरणा
अपने इस अनोखे बगीचे के बारे में नरेश कोहली बताते हैं कि इस बगीचे को बनाने में उन्हें 5 साल का वक्त लगा. उन्होंने सोचा कि रॉक गार्डन बनाने वाले नेक चंद सैनी बेकार सामानों का इस्तेमाल करके इतने बड़े रॉक गार्डन का निर्माण कर सकते हैं, तो वो अपने घर में छोटा-सा बगीचा तो बना ही सकते हैं.
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इसके बाद उन्होंने इस बगीचे को धीरे-धीरे तैयार करना शुरू किया इसमें उन्होंने खुद का बनाया एक फव्वारा लगाया है. घर में बड़े छोटे बच्चों के छोटे खिलौनों को सजावटी सामान के तौर पर इस्तेमाल किया है. बेकार पड़े जूते, गिलास, टायर, बोतलें, चम्मच, अन्य टूटे-फूटे बर्तनों को इस तरीके से सजाया है कि यह देख कर लगता कि ये सब बेकार सामानों से बनाया गया है.
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नरेश कोहली का कहना है कि इस तरह के प्रयास से सबसे बड़ा फायदा हमारे पर्यावरण को होगा. वहीं इस तरह के बगीचे बनाने से हरियाली बढ़ती है और दूसरा जो प्लास्टिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है उसका सही इस्तेमाल होने से हम पर्यावरण को फायदा भी पहुंचा सकते हैं.
बेकार बड़े खाली डिब्बों को बनाया आकर्षक गमला. नरेश कोहली ने लोगों से अपील की कि हमारी धरती को पेड़-पौधों की बहुत आवश्यकता है. अगर हम अपने घर से ही शुरुआत करते हैं तो हम खुद भी साफ हवा में सांस लेंगे और पर्यावरण को भी साफ करने में मदद करेंगे. उन्होंने कहा इस तरह का बेकार सामान तो हर घर में होता है, लेकिन जहां तक लोग उसे कचरे में फेंक देते हैं. जो आगे जाकर हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है. अगर इस तरह के सामानों का इस्तेमाल हम ऐसे ही बगीचे बनाने में करें, तो यह है पर्यावरण की रक्षा में बहुत बड़ा योगदान होगा.
वेस्ट मटेरियल का इस्तेमाल करके बनाया फव्वारा. उन्होंने कहा कि मेरे लिए पेड़-पौधों की देखभाल करना और हरियाली को बढ़ावा देना भगवान की इबादत करने से कम नहीं है. अगर सब लोग ऐसा सोच है तो एक दिन हमारा देश स्वच्छ होगा और पर्यावरण भी साफ होगा.
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