चंडीगढ़:शहर में पानी के रेट बढ़ाने के प्रस्ताव पर नगर निगम कमिश्नर केके यादव ने मुहर लगा दी है. ऐसे में अब ये प्रस्ताव 30 दिसंबर को होने वाली सदन की बैठक में मंथन के लिए पेश किया जाएगा. इस बार जनस्वास्थ्य विभाग ने रेट बढ़ाने का दबाव बनाया हुआ है. हालांकि, कांग्रेसी पार्षद इसके खिलाफ हैं और उनका कहना है कि इससे शहरवासियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
क्या 60 से 90 प्रतिशत तक बढ़ेंगा पानी का दाम ?
नगर निगम के जनस्वास्थ्य विभाग ने पानी का रेट 60 से 90 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है. नगर निगम के मेयर राजेश कालिया का कहना है कि साल 2011 के बाद से अब तक पानी के रेट नहीं बढ़े हैं. पिछले साल भी पानी के रेट बढ़ाने का प्रस्ताव आया था, लेकिन उस समय सदन ने पानी के रेट न बढ़ाकर पानी के बिल में 30 प्रतिशत सीवरेज सेस लगाने का फैसला लिया था.
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'निगम को पानी सप्लाई से हो रहा है 100 करोड़ का घाटा'
उन्होंने बताया कि नगर निगम को पानी की सप्लाई से होने वाला सलाना घाटा 80 करोड़ से बढ़कर 100 करोड़ हो गया है. पानी का रेट बढ़ाने का प्रस्ताव 30 दिसंबर को होने वाली सदन की बैठक में लाया जा रहा है. जिस पर कांग्रेस ने अभी से विरोध करना शुरू कर दिया है.
'कांग्रेस करेगी पानी के दाम बढ़ाए जाने वाले बिल का विरोध'
कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला ने कहा कि ये रेट न बढ़ाए जाएं. बबला ने कहा कि जब से नगर निगम में भाजपा का कब्जा हुआ है तबसे शहरवासियों पर टैक्स की झड़ी लग गई है. चाहे वो प्रॉपर्टी टैक्स हो, मनोरंजन टैक्स, सीवरेज और काऊ (cow) सेस हो.
बबला ने कहा कि 78 करोड़ रुपये के बिल ऐसे हैं जो कि डिफॉल्टरों से लेने हैं, लेकिन ऐसे बड़े लोगों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. अगर सदन में पानी के रेट बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया गया तो कांग्रेस पार्षद इसका विरोध करेंगे.