चंडीगढ़ : 18 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर के लिए चुनाव होने हैं. इंडी गठबंधन के तहत कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मिलकर चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी को फाइट देने की तैयारी कर ली है. I.N.D.I.A. और बीजेपी के बीच ये पहला मुकाबला है. चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर मिनट टू मिनट शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है. सुबह 11 बजे से वोटिंग की प्रक्रिया शुरू होगी. इस बीच मंगलवार को चंडीगढ़ नगर निगम के बाहर हंगामा भी देखने को मिला था जिसमें बीजेपी नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं, नेताओं की झड़प देखने को मिली थी. वहीं हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद बुधवार को आखिरकार चंडीगढ़ कांग्रेस के नेताओं ने पार्षद जसबीर बंटी के साथ मुलाकात की.
कांग्रेस ने लगाया था आरोप :पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कांग्रेस नेताओं ने याचिका लगाई थी जिसमें कहा गया था कि चंडीगढ़ पुलिस ने कांग्रेस के पार्षद जसबीर बंटी को बंदी बनाया है और उन्हें उनके पार्षद से मिलने नहीं दिया जा रहा. मेयर पद के लिए नामांकन पत्र वापस लेने आए कांग्रेस पार्टी के पार्षद जसबीर बंटी को लेकर तीनों पार्टियों में संग्राम छिड़ गया. कांग्रेस चंडीगढ़ के अध्यक्ष एच एस लकी ने आरोप लगाया था कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बंटी को निगम दफ्तर से जबरन ले जाने की कोशिश की थी. साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल को भी पार्षद से मिलने नहीं दिया गया था. एच एस लकी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि जसबीर बंटी को चंडीगढ़ पुलिस ने बंदी बनाकर रखा था. साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी की कोशिश थी कि वो बंटी से कॉन्टैक्ट करें.
घर के बाहर पुलिसकर्मी तैनात :याचिकाकर्ता के वकील ने न्यायमूर्ति आलोक जैन के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा था कि बंटी को स्वतंत्र रूप से घूमने नहीं दिया जा रहा जो उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. आपको बता दें कि मंगलवार को नगर निगम के बाहर हुए हंगामे के बाद चंडीगढ़ पुलिस ने जसबीर बंटी के घर के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात किया था.