चंडीगढ़: आज हर चीज खरीदी जा सकती है, लेकिन ज्ञान खरीदा नहीं जा सकता. ज्ञान आपको किताबें पढ़ने से ही प्राप्त होगा, लेकिन लोग किताबों से ही दूर होते जा रहे हैं और सोशल मीडिया-इंटरनेट की दुनिया में गुम हो रहे हैं. दूसरी ओर बहुत से गरीब बच्चे ऐसे हैं जो पढ़ना चाहते हैं जो किताबों से प्यार करते हैं, लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं कि वह अपनी पढ़ाई के लिए किताबें खरीद सकें. ऐसे ही बच्चों के लिए चंडीगढ़ के संदीप कुमार (Chandigarh Sandeep Kumar free books) पिछले कई सालों से काम कर रहे हैं, जो गरीब बच्चों को मुफ्त में किताबें मुहैया करवा रहे हैं.
उनकी इस कोशिश के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी तारीफ कर चुके हैं. संदीप ने अब एक नई मुहिम शुरू की है. जिसका नाम है लाइब्रेरी ऑफ ऑनेस्टी (books library of honesty). इस पहल के जरिए वे ना सिर्फ गरीब बच्चों को किताबें मुहैया करवाएंगे बल्कि लोगों को भी किताबों से जोड़ने का काम करेंगे. संदीप कुमार ने बताया कि हम गरीब बच्चों तक और आम लोगों तक किताबें पहुंचाने का काम करते हैं. इसके लिए हम किताबों को दान से प्राप्त करते हैं.
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उन्होंने कहा कि हम लोगों को जागरूक करते हैं कि लोग पुरानी किताबों को रद्दी में ना फेंके बल्कि हमें दान में दे दें. ताकि वह किताबें किसी और के काम आ सके. इन किताबों में दो तरह की किताबें होती हैं. एक होती हैं एजुकेशनल बुक्स और दूसरी होती हैं सेल्फ हेल्प या मोटिवेशनल बुक्स. एजुकेशनल किताबों को हम गरीब बच्चों तक पहुंचाते हैं ताकि किताबों की कमी से उनकी पढ़ाई में कोई बाधा न आए. हम किताबें इकट्ठा कर स्कूल और कॉलेजों में जाते हैं और वहां पर बच्चों को किताबें बांटते हैं.
इसके अलावा अन्य तरह की जो किताबें होती हैं उन्हें हम लाइब्रेरी ऑफ ऑनेस्टी में रखते हैं. जहां से लोग मुफ्त में किताबें पढ़ने के लिए लेकर जा सकते हैं और पढ़ने के बाद वापस इन्हें यहां पर रख सकते हैं. यहां पर एक अन्य बॉक्स भी लगाया गया है जिसमें लोग अपने घर में पड़ी पुरानी किताबों को डोनेट कर सकते हैं ताकि वह किताबें भी दूसरे लोग पढ़ सकें. संदीप ने बताया कि उन्होंने यह लाइब्रेरी कुछ दिन पहले ही शुरू की है, लेकिन बहुत से लोगों के फोन को आना शुरू हो गए हैं कि ऐसी लाइब्रेरी उनके यहां भी लगाई जाए. जैसे चंडीगढ़ सेक्टर 43 के देव समाज कॉलेज, सेक्टर 46 के पोस्ट ग्रैजुएट कॉलेज की ओर से भी संपर्क किया गया है.