चंडीगढ़:चंडीगढ़ में हॉकी की नई स्पोर्ट्स पॉलिसी जल्द ही लागू की जाएगी. चंडीगढ़ स्पोर्ट्स डायरेक्टर सौरभ कुमार अरोड़ा ने बताया कि इसमें 4 से 5 महीनों का समय लग सकता है. शहर के कई खिलाड़ियों द्वारा स्पोर्ट्स पॉलिसी की मांग भी की जा रही थी. जिसको लेकर शहर के सभी खिलाड़ियों, कोच और खेल एसोसिएशन से सुविधाओं और खिलाड़ियों के भविष्य को लेकर सुझाव मांगे गए थे. एसोसिएशन को उक्त लोगों से 50 सुझाव मिले थे, जिनमें से 17 का चयन किया गया है. इनमें से जो सुझाव स्वीकार करने योग्य होंगे, उन्हें नई स्पोर्ट्स पॉलिसी में शामिल किया जाएगा.
चंडीगढ़ सेक्टर-42 स्थित इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम को छोड़ दें तो शहर में हॉकी के खिलाड़ियों के लिए कोई खास सुविधा नहीं है. सेक्टर-42 स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में एक सिक्स ए साइड हॉकी ग्राउंड और सेक्टर-18 में पंजाब यूनिवर्सिटी में हॉकी का मैदान है. जहां सिर्फ स्कूल लेवल के खिलाड़ी प्रैक्टिस कर पाते हैं. सिक्स ए साइड हॉकी ग्राउंड और सेक्टर-18 हॉकी ग्राउंड में सुविधाएं वैसी नहीं मिलती, जहां पर खिलाड़ी किसी बड़े टूर्नामेंट की तैयारियां कर सके. मौजूदा समय में अलग अलग राज्यों से आए 50 के करीब खिलाड़ी ही इन मैदानों पर तैयारी कर रहे हैं.
चंडीगढ़ में हॉकी खिलाड़ियों के लिए सुविधा का अभाव: चंडीगढ़ खेल विभाग द्वारा खेल के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए इनडोर मल्टीपर्पज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाया गया है. इसके अलावा हॉकी के खिलाड़ियों के लिए चंडीगढ़ में कोई सुविधा नहीं है. शहर के मैदानों में सुविधा नहीं होने के बावजूद ओलंपिक खेलने वाले खिलाड़ियों में चंडीगढ़ के भी खिलाड़ी शामिल होते हैं. मौजूदा खिलाड़ियों की बात करें तो वे आज भी पुराने प्रबंधों और मैदानों में अपनी प्रैक्टिस कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ प्राइवेट आकदमी हैं, जो सुविधाएं अच्छी देते हुए खिलाड़ियों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं. यहां खिलाड़ियों को हर प्रकार की सुविधाएं दी जाती है लेकिन सरकारी तौर पर ऐसा नहीं है.
खिलाड़ियों, कोच और खेल एसोसिएशन से मांगे सुझाव: चंडीगढ़ में हॉकी खेल के प्रर्याप्त मैदान व संसाधन उपलब्ध नहीं है. इन कमियों को दूर करने के लिए हॉकी चंडीगढ़ सचिव ने चंडीगढ़ प्रशासन शहर के खेल प्रमोशन की दिशा में स्पोर्ट्स पॉलिसी बनाने फैसला लिया था. जिसके लिए चंडीगढ़ के सभी खिलाड़ियों, कोच और खेल एसोसिएशन से सुविधाओं को बढ़ाने और खेल को प्रोत्साहन देने के लिए सुझाव मांगे गए थे. इन सुझाव में नकद पुरस्कार, खिलाड़ियों को दी जानी वाली छात्रवृत्ति और अलग श्रेणियों में कोच के सम्मान की मांग का उल्लेख किया गया है. पत्र में खेल एसोसिएशन को राज्य चैंपियनशिप और राष्ट्रीय शिविरों और अन्य आयोजनों के दौरान व्यावहारिक रूप से कठिनाइयों का सामना किए जाने का जिक्र किया है.