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'देश के भविष्य को नशे की दलदल में झोंकने वाले किसी तरह की राहत के हकदार नहीं'

ड्रग्स सप्लाई के मामले में सुनवाई करते हुए चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने कहा कि ड्रग्स के कारण देश का भविष्य नशे के दलदल में समाते जा रहे है. ऐसे में नशे के दलदल में झोंकने वालों को कोई राहत नहीं दी जाएगी.

chandigarh high court worried about increase in drug intake among youngsters
देश के भविष्य को नशे के दलदल में झोंकने वाले किसी भी तरह की राहत के नहीं हैं हकदार: हाईकोर्ट

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Published : Oct 28, 2020, 10:19 AM IST

चंडीगढ़:भारत सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है. ये आबादी देश की तरक्की भविष्य की आस है, लेकिन यहीं युवा आबादी देश के लिए चिंता का कारण भी बन रहे हैं. इसकी वजह है काफी संख्या में युवाओं को नशे की लत लगना. देश के भविष्य को नशे के दलदल में झोंकने वाले किसी भी तरह की राहत के हकदार नहीं है.

दरअसल हाईकोर्ट के जस्टिस एसएस सेठी ने रेवाड़ी निवासी प्रमिला की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए ये टिप्पणी की है. बढ़ते ड्रग्स के खतरे पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि ये नागरिकों के जीवन को नष्ट कर रहा है. देश में इन वर्जित ड्रग्स को खरीदने और बेचने वाले लोगों की संख्या में खतरनाक वृद्धि हुई है. जिसे प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने की आवश्यक्ता है.

बेंच ने कहा कि भारत में सबसे ज्यादा युवा आबादी है, लेकिन नशे की लत के अधिकतर लोग इन युवाओं में से एक हैं. जिसके परिणाम स्वरुप अपराध और हिंसा बढ़ गई है. दिन-प्रतिदिन नशीली दवाओं की बढ़ती संख्या के कारण परेशानी वाली स्थिति पैदा हो गई.

हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता पर प्रमिला सह अभियुक्त है. जिस पर काफी मात्रा में नशीले पदार्थ रखने व बेचने का आरोप है. इस कारण मुख्य आरोपी द्वारा अभियुक्त के खिलाफ नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकॉट्रॉपिक सब्सटेंसस एक्ट 1985 की धारा 20 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है.

वहीं मामले में याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे गलत तरीके से फंसाया गया है. केवल एक ड्रग पेडलर द्वारा दिए गए बयान के आधार पर ही उसके विरुद्ध कार्रवाई की गई है. उसने निर्दोष होने का दावा करते हुए कहा कि उसने कभी भी कोई प्रतिबंधित नशीला पदार्थ नहीं बेचा.

इस दलील को बेंच ने अस्वीकार करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता की कस्टोडियल पूछताछ जरूरी है. हाई कोर्ट के अनुसार ऐसे लोग जो देश के भविष्य को नशे के दलदल में झोंक रहे हैं. उनको किसी भी तरह की राहत नहीं दी जानी चाहिए. हिरासत में लेकर उनसे ये पूछना जरूरी है कि प्रतिबंधित नशीले पदार्थ कहां से आया और उसके पीछे कौन लोग हैं? उनका क्या मकसद है? ये तभी संभव है जब याची को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की जाए.

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