चंडीगढ़: सरकारी अस्पतालों में मरीजों को प्राइवेट कंपनियों के दवा ने लिखने के लिए डॉक्टरों की आदेश जारी किए गए थे. लेकिन सरकारी अस्पताल के डॉक्टर निर्देशों की अवहेलना करते हुए अभी भी मरीजों को प्रआइवेट किंपनियों की ब्रांडेड दवाओं लिख रहे हैं. जिसका खुलासा चंडीगढ़ के स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने एक निरीक्षण के दौरान किया.
बता दें कि स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग गर्ग पेट दर्द की शिकायत लेकर मरीज बनकर अस्पताल गए थे और ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने एक इंजेक्शन और 'मैकेन' सिरप लिखकर ओपीडी कार्ड तैयार किया. सेक्टर-16 के गवर्नमेंट मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल (जीएमएसएच) के इमरजेंसी दौरे के दौरान एक डॉक्टर ने स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग को महंगी ब्रांडेड दवा लिखी.
डॉक्टर ने गर्ग को बताया कि परिसर में एक दवा की दुकान पर सिरप उपलब्ध था. हालांकि, गर्ग ने अपनी निरीक्षण रिपोर्ट में सिरप के नुस्खे पर संदेह जताया, जो केवल तीन केमिस्ट की दुकानों में से एक पर उपलब्ध था और अन्य दो केमिस्टों द्वारा पेश किए गए वैकल्पिक सिरप की तुलना में बहुत महंगा था. ऐसे में सचिव गर्ग ने सवाल किया कि क्या एक मरीज को एक ऐसे सिरप के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर करना उचित था जो अन्य दो केमिस्टों द्वारा सिरप की तुलना में 67% महंगा था. महंगी दवाएं लिखने वाले डॉक्टर पर कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य सचिव ने निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं की टिप्पणियों के साथ संबंधित डॉक्टर से स्पष्टीकरण भी मांगा है.