चंडीगढ़: लोगों में हड़कंप मचाने वाला डेंगू और मलेरिया बुखार के मामलो में इस बार चंडीगढ़ में कमी आई है. इन दोनों बीमारियों से संबंधित केस अपेक्षाकृत कम होने लगे हैं. कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां विशेष ध्यान की जरूरत है, मगर कुल मिलाकर मलेरिया और डेंगू बुखार पर काफी हद तक नियंत्रण किया गया है.
चंडीगढ़ स्वास्थ्य महकमे ने इस दिशा में एक अभियान के तहत काम करते हुए इस उपलब्धि को हासिल किया है. आगे भी ये बुखार और नियंत्रित रहे, इसके लिए स्वास्थ्य महकमे की विशेष टीमें फील्ड में उतरी हुई हैं. डॉ. उपेन्द्रजीत सिंह गिल ने बताया कि चंडीगढ़ को मलेरिया और डेंगू से मुक्त बनाने के लिए विभाग अब एक अभियान के साथ जुट गया है, यह उसी के परिणाम हैं कि इन मामलों में कमी आई है.
जागरुकता फैलाने में लोगों ने दिया सहयोग
हेल्थ डिपार्टमेंट इसे जागरूकता कार्यक्रमों के साथ ही लोगों के सहयोग का परिणाम मान रहा है. उसके बावजूद बचाव और जागरूकता कार्यक्रम व्यापक स्तर पर जारी है. कार्रवाई के डर का असर मलेरिया विभाग की ओर से इस साल पिछले वर्षो की तुलना में व्यापक स्तर पर कार्रवाई की गई है. नोटिस, शोकॉज नोटिस के साथ काफी संख्या में काटे गए चालान का ही असर है कि लोग मच्छरों से बचाव के प्रति सजग हुए हैं.
10 गुना ज्यादा चालान काटे
इस बार पिछले साल की तुलना में इस बार 10 गुना ज्यादा चालान काटे गए हैं. घर से स्कूल तक कर रहे जागरूक मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के लिए विभाग की ओर से घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही स्कूलों और अन्य स्थानों पर भी अभियान चलाया जा रहा है. जिसका असर नजर आ रहा है. स्कूलों में बच्चों को प्रार्थना सभा के बाद मच्छरों से बचाव से जुड़ी जानकारी दी जा रही है. साथ ही उन्हें अपने परिवार के लोगों व पड़ोसियों को भी इससे अवगत कराने को कहा जा रहा है.
'इस साल बुखार के केस घटे हैं'
वर्ष 2017 से लेकर नवंबर 2019 तक के सरकारी आंकड़े अगर देखें तो दोनों तरह के बुखार के केस घटे हैं. डेंगू बुखार की बात करें तो 2017 में चंडीगढ़ में मलेरिया के 114, 2018 में 44 और 2019 में 21 मामले आये थे जबकि डेंगू बुखार के 2017 में 1930, 2018 में 285 और 2019 में 232 मामले सामने आये है. वहीं इस साल अन्य राज्यों से जो मामले अभी तक सामने आये वो है 1305 जो तुलना में काफी नियंत्रित हैं.