हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

टॉयलेट ब्लॉक मेंटेनेंस धोखाधड़ी मामला- HC ने CBI कोर्ट को दिया जल्द ट्रायल पुरा करने का निर्देश

कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाने के छह साल पुराने मामले में हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट को 2 साल में ट्रायल पुरा करने का निर्देश दिया है.

chandigarh hc asks cbi to complete trial in toilet block maintenance case
टॉयलेट ब्लॉक मेंटेनेंस धोखाधड़ी मामला चंडीगढ़

By

Published : Mar 18, 2021, 1:57 PM IST

चंडीगढ़: शहर में टॉयलेट ब्लॉक की मेंटेनेंस के 6 साल पुराने मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट को 2 साल में ट्रायल पूरा करने के निर्देश दिए हैं. जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान ने इस मामले में सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर खारिज करने की मांग को नामंजूर करते हुए सीबीआई कोर्ट को यथासंभव शीघ्र अधिकतम 2 साल के अंदर सुनवाई को पूरा करने के निर्देश दिए हैं.

दरअसल टॉयलेट ब्लॉक लगाने वाली कंपनी मेसर्स सेलवेल मीडिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर जिमी सुबह वालिया और अन्य आरोपियों की तरफ से याचिका दायर कर मांग की गई थी कि इस संबंध में 9 फरवरी 2014 को धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज एफआईआर खारिज की जाए. साथ ही चंडीगढ़ से सीबीआई विशेष अदालत में चल रही सुनवाई को खारिज करने के आदेश दिया जाए.

ये भी पढ़ें:हाईकोर्ट के निर्देश: POCSO एक्ट में जांच तय मानक प्रक्रिया के मुताबिक हो

साजिश के तहत राज्य के कोष को पहुंचाया गया नुकसान: सीबीआई वकील

कंपनी को अनुचित लाभ देने का आरोप पर हाई कोर्ट में सीबीआई के वकील सुमित गोयल ने कहा कि वर्ष 2016 से इस मामले में अदालती कार्रवाई पर रोक चल रही है. आरोपी की साजिश से राज्य के कोष को बड़ा नुकसान पहुंचाया गया है.

ये भी पढ़ें:हरियाणा में निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण का मुद्दा पहुंचा हाईकोर्ट, कानून रद्द करने की मांग

चंडीगढ़ प्रशासन के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने कंपनी को पहुंचाया अनुचित लाभ: सीबीआई वकील

उन्होंने हाईकोर्ट में ये भी बताया कि सीबीआई कोर्ट में आरोप तय किए जाने के समय याचिका दायर कर कार्यवाई पर रोक का लाभ हासिल किया गया. उस समय चंडीगढ़ प्रशासन के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आरसी दीवान ने कंपनी मैसर्स सेलवेल मीडिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को इस मामले में अनुचित लाभ दिया.

ये भी पढ़ें:श्रमिक कार्यकर्ता शिवकुमार को हिरासत में प्रताड़ित करने पर हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश

नियमों के उल्लंघन के बावजूद बीड राशि में किया गया बदलाव: सीबीआई वकील

उन्होंने कोर्ट में बताया कि पहले तो बीड राशि को 9800 रुपये से कम कर 8800 रुपये कर दिया गया. इसके बाद वार्षिक बढ़ोतरी को 15 फीसदी से कम का 10 फीसद कर दिया गया. ओरिजिनल बीड में ये जानकारी होने के बावजूद इसमें बदलाव कर दिए गए. सुमित गोयल ने कोर्ट में कहा कि साजिश का पता इस बात से चलता है कि कंपनी ने कंडीशनल बीड दी थी. जबकि नियमों में स्पष्ट था कि इस तरह की बीड को स्वीकार नहीं किया जाएगा. बावजूद इसके काम को मंजूरी दे दी गई.

ABOUT THE AUTHOR

...view details