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Chandigarh GP Sir Class: जानिए चंडीगढ़ में जीपी सर की क्लास, क्यों बन गई खास?

Chandigarh GP Sir Class : ज्यूडिशियल सर्विसेज की तैयारी करने वाले बच्चों के लिए चंडीगढ़ में जीपी सर की क्लास खास बन गई है. इस क्लास में पढ़ने वाले 13 छात्र इस बार पंजाब ज्यूडिशियल सर्विसेज में चयनित हुए हैं. खास बात ये है कि फ्री में गरीब बच्चों को लॉ की क्लास दी जाती है. (Haryana Judicial Services Punjab Judicial Service underprivileged students)

Chandigarh GP Sir Class
चंडीगढ़ में जीपी सर की क्लास

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 19, 2023, 9:30 AM IST

Updated : Oct 19, 2023, 11:14 AM IST

जानिए चंडीगढ़ में जीपी सर की क्लास क्यों है खास?

चंडीगढ़:चंडीगढ़ में इन दोनों एक क्लास चर्चा का विषय बनी हुई है. यह क्लास किसी स्कूल की नहीं बल्कि ज्यूडिशियल सर्विसेज की तैयारी करने वाले बच्चों की है. यह क्लास इसलिए चर्चा में आई है, क्योंकि इस क्लास की 13 छात्र इस बार पंजाब ज्यूडिशियल सर्विसेज में सिलेक्ट हुए हैं और अभी तक इस क्लास के 19 बच्चे ज्यूडिशियल सर्विसेज में सिलेक्ट हुए हैं. जिनमें से बीते साल 6 बच्चे हरियाणा ज्यूडिशियल सर्विसेज में सिलेक्ट हुए थे.

फ्री में गरीब बच्चों को देते हैं लॉ की क्लास: इस क्लास में जो बच्चे अपनी फीस नहीं दे पाते उनको भी शिक्षा फ्री में दी जाती है. यानी यहां भविष्य के ज्यूडिशियल सर्विसेज की तैयारी करने वाले बच्चे धन के अभाव में अपने लक्ष्य से पीछे नहीं रहते. यह क्लास खास है इसमें कुछ बात है, यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस क्लास में आने वाले बच्चे भी खास हैं. वहीं, इस क्लास को चलाने वाले सर भी खास हैं. पेशे से वकील गुरिंदर पाल सिंह भविष्य के जजों को इस क्लास में तराश रहे हैं. गुरिंदर पाल सिंह को लोग जीपी सर के नाम से जानते हैं.

चंडीगढ़ में जीपी सर की क्लास में दूसरे राज्यों से भी आते हैं बच्चे.

क्लास में दूसरे राज्यों से भी पढ़ने आते हैं बच्चे: ज्यूडिशियल सर्विसेज की तैयारी करने आए सभी बच्चे फाइनेंशियल तौर पर मजबूत नहीं हैं, फिर भी जीपी सर इन्हें शिक्षा देने में कोई कोर कसर नहीं रखते. 2019 में 2 बच्चों को शिक्षा देने से जीपी सर का सफर आज साठ बच्चों तक पहुंच चुका है. यहां बच्चे सिर्फ पंजाब, हरियाणा और हिमाचल ही नहीं अन्य राज्यों से भी आ रहे हैं.

बेहद खास है जीपी सर की क्लास की कहानी: ईटीवी भारत ने जीपी सर से उनकी इस खास मुहिम को लेकर बातचीत की. जीपी सर वकील से शिक्षक बनने के अपने इस सफर को लेकर कहते हैं कि साल 2019 में उन्हें दो से तीन बच्चे मिले, जो कहीं क्लास ले रहे थे, लेकिन उनके पास अगली इंस्टॉलमेंट देने के पैसे नहीं थे. जब वे मुझे मिले तो मैने उनको पढ़ना शुरू कर दिया. शायद यह क्लास शुरू होनी थी.

'वकालत का एक्सपीरिएंस आया काम': जीपी सर कहते हैं 'मैं कोई प्रोफेशनल टीचर नहीं था जो सिलेबस रटा हुआ हो. लेकिन, मेरा 30-35 साल का वकालत का एक्सपीरिएंस था, जिसकी वजह से मैं यह सब कर पाया. हमने जो एक्सपीरियंस से सीखा है उसे ग्रहण कर बच्चों को भी अच्छा लगा. क्योंकि उन्हें प्रैक्टिकल चीजों का एक्सपीरिएंस हुआ. उससे चीजें भी ज्यादा क्लियर होती हैं. यह सफर आज इस मुकाम तक पहुंचा है यह बेहद खास है. आज कई राज्यों से बच्चे क्लास में आ रहे हैं. बड़े-बड़े शहरों से भी बच्चे आ रहे हैं जहां पर बड़े-बड़े इंस्टिट्यूट हैं. क्योंकि बच्चे उनकी फीस देने में असमर्थ होते हैं. बार काउंसिल की मदद से जो फ्रेशर वकालत करके आते हैं उनके माध्यम से मैसेज ड्रॉप किया. जिसके बाद 30 से 40 बच्चे आए, उनमें से 20 बच्चों को छांटकर शिक्षा देना शुरू किया.'

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कोरोना काल से हुई शुरुआत:कोरोना कल में उन्होंने जूम पर भी क्लास ली, लेकिन जो क्लास रूम में बात होती है वह जूम पर नहीं हो सकती. उसे वक्त कई बच्चों के पास रिचार्ज करने के पैसे नहीं होते थे, लेकिन अपने ऑफिस के क्लर्क के जरिए उनके जन्मदिन के बहाने एक साल का फोन रिचार्ज करवाया. उन्हें बुरा भी महसूस ना हो और उनकी क्लास भी छूट न जाए इसके लिए प्रयास किया.

13 छात्र पंजाब ज्यूडिशियल सर्विसेज में चयनित: क्लास में जो बच्चे थे उनमें से 11 ने मेंस क्लियर किया और पिछले साल उनमें से 6 हरियाणा ज्यूडिशल सर्विस में चयनित हुए. इस बार 13 बच्चे ज्यूडिशियल सर्विस में पंजाब में हमारे सेलेक्ट हुए. इनमें से 8 ऐसे परिवारों से है जो कभी ज्यूडिशियल सर्विसेज में सिलेक्ट होने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे.

60-65 बच्चे ले रहें क्लास: आज हमारे पास 60 से 65 बच्चे क्लास में हैं. पहले यह पर्सनल फाइनेंस क्लास थी अब यह सेल्फ फाइनेंस क्लास हो गई है. अब ऐसे बच्चे हैं जो एक दूसरे को सपोर्ट करते हैं. अब कुछ बच्चे मेरे वकील दोस्तों के हैं, जजों के हैं वे फीस अफोर्ड कर सकते हैं, वे जो फीस नहीं से सकते उनकी फीस देते हैं. लेकिन, यह बात कोई बताएगा नहीं. ताकि किसी बच्चे पर उसका साइकोलॉजिकल प्रभाव न पड़े. वे कहते हैं कि शिक्षक के तौर पर काम करना कभी उनके लिए चुनौती पूर्ण नहीं रहा, क्योंकि वकील की हैसियत से उनके बोलने का काम ही ज्यादा रहता है. हालांकि जब आप किसी को शिक्षा देते हैं तो बड़ा फोकस होकर यह काम करना पड़ता है.

क्लास में पढ़ने वाले बच्चे लेते हैं ईमानदारी की शपथ: वे बच्चों को एक ओथ (शपथ) भी याद रखने के लिए प्रेरित करते हैं, ताकि भविष्य के जज एक बेहतर जज बनें और वे इस प्रोफेशन को ईमानदारी से अदा करें. वहीं, इस जीपी सर की क्लास में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चे भी उनके इस प्रयास को एक अच्छा प्रयास मानते हैं.

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Last Updated : Oct 19, 2023, 11:14 AM IST

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