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गोवा सीएम के बयान पर भड़की हरियाणा की महिलाएं, बोली- हमें कभी भी, कहीं भी जाने का अधिकार - चंडीगढ़ लड़कियां प्रमोद सावंत बयान प्रतिक्रिया

गैंगरेप पर दिए गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ( pramod sawant goa beach gangrape statement) के बयान पर बवाल मच गया है. चंडीगढ़ की लड़कियों ने भी सीएम सावंत के इस बयान की निंदा की है.

chandigarh females reaction pramod sawant
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Published : Jul 30, 2021, 5:37 PM IST

चंडीगढ़:गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की ओर से गैंगरेप पर दिए बयान ( pramod sawant goa beach gangrape statement) पर बवाल मच गया है. गोवा में दो नाबालिग लड़कियों के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले पर विधानसभा में प्रमोद सावंत ने कहा था कि माता-पिता को ये आत्ममंथन करने की जरूरत है कि उनके बच्चे पूरी रात बीच पर क्यों थे. गोवा के सीएम के इस बयान पर विपक्ष तो हमला बोल ही रहा है. वहीं आम जनता भी उनके इस बयान की निंदा कर रही है.

इस बारे में आम महिलाएं (chandigarh females reaction pramod sawant) क्या सोचती हैं? ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ की कुछ लड़कियों से बात की. लेक्चरर गैवी पन्नू ने कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री का ये बयान सरासर गलत है. देश के हर व्यक्ति को अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीने का अधिकार है. वो किसी भी वक्त कहीं भी जा सकता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि उसे अपराध का शिकार होना पड़े. महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार और पुलिस को लेनी चाहिए. अगर सरकार और पुलिस अपनी नाकामियों को इस तरह के बयान देकर नहीं छुपा सकती.

गोवा सीएम के बयान पर भड़की हरियाणा की महिलाएं, हमें कभी भी, कहीं भी जाने का अधिकार

गैवी ने आगे कहा कि मां-बाप अपने बच्चों को हमेशा अच्छी शिक्षा देते हैं. कोई भी ऐसा माता पिता नहीं है जो चाहता है कि उनका बच्चा अपराध का शिकार हो. माता-पिता अपने बच्चों पर भरोसा करते हैं, लेकिन अगर कोई दूसरा व्यक्ति उनके साथ किसी अपराध को अंजाम देता है तो इसमें न तो बच्चों की गलती है और ना ही माता-पिता की. गलती सामाज की है, जहां आज भी महिलाओं को आजादी नहीं दी गई है.

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वहीं अमनदीप कौर नाम की छात्रा ने कहा कि सबको एक जिंदगी मिली है और उसे जीने का हक सभी को है. फिर चाहे वो लड़की हो या लड़का. लड़कियों को भी अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीने का अधिकार है. अगर लड़के रात को बाहर जा सकते हैं तो लड़कियां भी बाहर जा सकती हैं. अपराध किसी के साथ भी कर सकता है. इसके लिए जरूरी है कि सरकार और पुलिस महिला सुरक्षा को लेकर गंभीरता से काम करें. इसके अलावा जब तक समाज की सोच को नहीं बदला जाएगा तब तक महिलाओं के खिलाफ अपराध नहीं रुक सकते. इसकी शुरुआत घर से ही होनी चाहिए. जब लड़कों को महिलाओं का सम्मान करना सिखाया जाएगा तभी इस तरह के अपराध रुक सकते हैं.

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बता दें कि गोवा की राजधानी से करीब 30 किलोमीटर दूर बेनॉलिम बीच (Goa Gangrape Case) पर चार लोगों ने अपने आप को पुलिसकर्मी बताकर दो नाबालिग लड़कियों से कथित तौर पर बलात्कार किया था. उन्होंने लड़कियों के साथ पिटाई भी की थी. चारों आरोपियों में से एक सरकारी कर्मचारी भी है. वहीं सावंत ने विधानसभा में कहा था कि चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन लोगों को अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद भी समझनी चाहिए. सिर्फ पुलिस और सरकार पर जिम्मेदारी नहीं छोड़नी चाहिए. कम से कम माता-पिता को ये पता होना चाहिए कि उनके बच्चे देर रात तक कहां जा रहे हैं.

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