चंडीगढ़शहर ट्रैफिक नियमों के लिए जाना जाता है. यही वजह है कि शहर में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले आधे से ज्यादा लोग फिजिकल ड्राइविंग टेस्ट में फेल हो रहे हैं. जबकि रोजाना 150 से ज्यादा लोग ड्राइविंग टेस्ट में अपना रजिस्ट्रेशन करवाते हैं. चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का लाइसेंस अथॉरिटी ड्राइविंग टेस्ट देश के बेहतरीन ड्राइविंग टेस्ट में से एक माना जाता है. जिसके लिए लोगों का ड्राइविंग अनुभव जांचा जाता है.
1800 लोगों ने पास किया ड्राइविंग लाइसेंस का टेस्ट: चंडीगढ़ के पंजीकरण और लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर और नवंबर महीने में करीब 1800 लोगों ने ड्राइविंग लाइसेंस का टेस्ट पास किया था. वहीं, रोजाना 150 के करीब लोगों द्वारा टेस्ट बुकिंग की जाती है, जिसमें से सिर्फ 90 से 110 के आसपास ही लोग टेस्ट देने के लिए पहुंच पाए.
5110 लोगों ने दिया था टेस्ट: आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर और नवंबर महीने में 5110 लोगों ने ही टेस्ट दिया था. टेस्ट में केवल 1850 लोग ही पास हो पाए थे. इनमें से 40 फीसदी दोपहिया वाहन चालक ऐसे थे जिनको चौराहे पर नेविगेट करना नहीं आता था. वहीं 25 फीसदी वो लोग असफल रहे जिन्हें यू-टर्न करना नहीं आया. 20 फीसदी हेयर पिन मोड को समझ पाने में भी असफल रहे.
सेक्टर-23 चिल्ड्रन पार्क का सिस्टम:यहां पर ड्राइविंग टेस्ट के लिए स्मार्ट ट्रैक बनाया गया है. यह स्मार्ट ट्रैक केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान पुणे द्वारा बनाया गया है. यहां ड्राइविंग टेस्ट के लिए बना ट्रैक पूरी तरह सेंसर और कैमरा से लेस है. ऐसे में ड्राइविंग टेस्ट देते समय अगर चालक छोटी सी भी अनदेखी करता है, तो वो उसके पॉइंट कट कर देता है. जिसके चलते अधिकतर चालक ड्राइविंग टेस्ट पास करने में असफल रह जाते हैं.
हर मूवमेंट पर है CCTV की नजर: इस समय चिल्ड्रन ट्रैफिक पार्क में ड्राइविंग स्किल्स पर नजर रखने के लिए 20 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं. जो लगातार ड्राइवर पर नजर बनाए रखता है. ऐसे में जब भी कोई चालक गलती करता है, तो कंप्यूटर उसे रिकॉर्ड कर लेता है. यह सिस्टम इसलिए इंस्टॉल किया गया है, क्योंकि अक्सर ड्राइविंग टेस्ट के दौरान व्हीकल इंस्पेक्टर चालक को सिर्फ दूर से ही देख सकता था. ऐसे में यू टर्न करते समय और ब्रिज के ऊपर चढ़ने के दौरान स्पीड को मापना मुश्किल हो जाता था.