चंडीगढ़: इंटरनेशनल मेगा फूड पार्क लिमिटेड (IMFPL) के पदाधिकारियों के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई थी. जिसके सात महीने बाद बैंक से 33 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले का खुलासा हुआ है. CBI ने हाल ही में धोखाधड़ी के आरोप में अधिकारियों को फिर से तलब किया है. चंडीगढ़ में 109.90 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में चार बैंक शामिल है. इन चार बैंक में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) है. जिनसे कथित रूप से 35 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई. जबकि स्माल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ़ इंडिया से 33.50 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 26.40 करोड़ रुपये और आईडीबीआई बैंक लिमिटेड से 15 करोड़ रुपये की ठगी की गई है.
आईएमएफपीएल का पंजीकृत कार्यालय हाउस नंबर-3, सेक्टर-5 चंडीगढ़ में है. कंपनी के प्रबंध निदेशक सुखिंदर सिंह, उनकी पत्नी और निदेशक कंवल सुखिंदर सिंह और उनके बेटे और पूर्णकालिक निदेशक सिमरिंदर सिंह हैं. सुखिंदर सिंह पंजाब के राजनीतिक गलियारों में एक जानी मानी हस्ती हैं. जिन पांच लोगों के नाम पर मामला दर्ज किया गया है. उनमें अमेरिका में रहने वाले एनआरआई सत्यन मल्होत्रा, सेक्टर-27 के दविंदर सिंह जाज, सेक्टर-10 के गुरप्रताप सिंह, गुरुग्राम के ननकी सिंह और मुंबई के भुइंदर सिंह शामिल हैं. एसबीआई के उप महाप्रबंधक संजय कुमार ने कहा कि आईएमएफपीएल प्रबंधन के साथ धोखाधड़ी बैंक के अधिकारी शामिल हो सकते हैं. हालांकि उन्होंने अभी साफ नहीं किया है कि इसमें बैंक के अधिकारी भी शामिल है.
2019 में, सीबीआई ने आईएमएफपीएल के पदाधिकारियों पर स्माल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ़ इंडिया (SIDBI) से 33.50 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया था. जांच एजेंसी ने बाद में अगस्त 2022 में जिला अदालतों, सेक्टर 43, चंडीगढ़ में सुखदेव सिंह, विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट, सीबीआई की अदालत के समक्ष मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी. जानकारी के मुताबिक आईएमएफपीएल फूड पार्क के खिलाफ हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के एक उप महाप्रबंधक संजय कुमार की ओर से एफआईआर दर्ज की गई थी. कथित धोखाधड़ी अप्रैल 2012 और मार्च 2017 के बीच की गई थी. यह धोखाधड़ी एक निजी फर्म, मैसर्स पीवीआरएन एंड कंपनी द्वारा किए गए वित्तीय ऑडिट के बाद सामने आई थी. धोखाधड़ी चंडीगढ़ की दो शाखाओं में हुई थी, जहां आरोपी व्यक्तियों ने बैंक के वित्त का दुरुपयोग करके पैसों की हेराफेरी की थी.