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चंडीगढ़ के कलाकार ने दूध से बनाया गुरु तेग बहादुर साहिब का अनोखा पोट्रेट - Haryana News In Hindi

चंडीगढ़ के कलाकार वरुण टंडन ने गुरु तेग बहादुर साहिब (Guru Tegh Bahadur Gurpurab 2022) के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर दूध से एक अनोखा पोट्रेट बनाया है. इस कलाकृति को बनाने में दूध के अलावा किसी भी वस्तु और रंग का उपयोग नहीं किया गया है.

Guru Tegh Bahadur Birth Anniversary
चंडीगढ़ के कलाकार ने बनाया अनोखा पोट्रेट, दूध से बनाया गुरु तेग बहादुर साहिब का पोट्रेट

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Published : Apr 21, 2022, 1:53 PM IST

Updated : Apr 21, 2022, 4:02 PM IST

चंडीगढ़:सिख धर्म के नौवें गुरु श्री तेग बहादुर साहिब का 400वां प्रकाश पर्व 21 अप्रैल दिन गुरुवार को मनाया जा रहा है. गुरु तेग बहादुर का जन्म वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को पंजाब के अमृतसर में हुआ था. इस अवसर पर चंडीगढ़ के कलाकार वरुण टंडन (Chandigarh artist Varun Tandon) ने भी अपनी कला के जरिए गुरु महाराज को नमन किया है. वरुण टंडन ने सिर्फ दूध के जरिए गुरु तेग बहादुर की एक बेहद खूबसूरत तस्वीर तैयार की है.

तस्वीर को बनाने में दूध के अलावा किसी भी वस्तु और रंग का उपयोग नहीं किया गया है. वरुण ने बताया कि हर धर्म में दूध को सबसे पवित्र वस्तु माना जाता है. इस वजह से उन्होंने दूध से गुरु तेग बहादुर की तस्वीर तैयार की है. सिख धर्म के नौवें गुरु श्री तेग बहादुर साहिब का 400वां प्रकाश पर्व गुरुवार को देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. गुरु तेज बहादुर का जन्म वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को पंजाब प्रान्त के अमृतसर में हुआ था.

गुरु तेगबहादुर की कलाकृति बनाते कलाकार वरुण टंडन

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तेग बहादुर जी के बचपन का नाम त्यागमल था. उनके पिता का नाम गुरु हरगोबिंद सिंह था और माता का नाम नानकी था. श्री तेग बहादुर साहिब जी, हरगोविंद के पांचवें पुत्र थे और सिखों के आठवें गुरु हरिकृष्ण राय के निधन के बाद उनको नौवां गुरु बनाया गया था. गुरु तेग बहादुर जी को धर्म एवं मानवीय मूल्यों, आदर्शों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए याद किया जाता है. गुरु तेग बहादुर जी ने मात्र 14 साल की आयु में अपने पिता के साथ मिलकर मुगलों के खिलाफ युद्ध किया था और अपनी वीरता का परिचय दिया था.

चंडीगढ़ के कलाकार ने दूध से बनाया गुरु तेग बहादुर साहिब का अनोखा पोट्रेट

उनकी इस वीरता से प्रभावित होकर ही उनके पिता ने उनका नाम तेग बहादुर रखा था और साथ ही तलवार भेंट की थी. गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा करते हुए अपनी प्राण न्योछावर कर दिए. गुरु तेग बहादुर ने औरंगजेब की तमाम कोशिशों के बाद भी इस्लाम कबूल नहीं किया था. इस्लाम न कबूल करने पर औरंगजेब ने तेग बहादुर जी के शीश कटवा दिया था.

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Last Updated : Apr 21, 2022, 4:02 PM IST

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