चंडीगढ़: शुक्रवार को कोरोना संक्रमण की वजह से शूटर दादी के नाम से मशहूर चंद्रो तोमर का निधन हो गया था. चंडीगढ़ के कलाकार वरुण टंडन ने अनोखे अंदाज में उनको श्रद्धांजलि दी है. शूटर दादी निशानेबाजी की वजह से दुनिया भर में मशहूर हुई थी. इसीलिए वरुण टंडन ने उनका पोट्रेट एयर गन में इस्तेमाल की जाने वाली गोलियों की खोल से बनाया है.
कलाकार वरुण टंडन अनोखे अंदाज में महान हस्तियों की यादगार तस्वीरें बनाने के लिए जाने जाते हैं. वरुण टंडन ने नमक का इस्तेमाल कर गांधी जी का पोट्रेट बनाया था. जिसे खूब सराहा गया था. इसी कड़ी में वरुण टंडन ने शूटर दादी के नाम से मशहूर चंद्रो तोमर को अलग अंदाज में श्रद्धांजलि दी है. वरुण टंडन ने गोलियों के खोल से शूटर दादी का पोर्ट्रेट बनाया है.
पोट्रेट एयर गन में इस्तेमाल की जाने वाली गोलियों की खोल से बनाया है 'शूटर दादी' उत्तर प्रदेश के बागपत की रहने वाली थीं, 89 साल की निशानेबाज चंद्रो तोमर इसी सप्ताह कोरोना संक्रमित हो गई थी, जिसके बाद उन्हें सांस लेने में परेशानी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया. नेशनल और राज्य लेवल पर शूटर दादी ने निशानेबाजी में कई मेडल जीते थे. शूटर दादी बागपत के जोहड़ी गांव की रहने वाली थीं. चंद्रो तोमर पर फिल्म 'सांड की आंख' बनाई गई है, जिसमें चंद्रो और प्रकाशी का रोल भूमि पेडनेकर औार तापसी पन्नू ने निभाया है.
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65 वर्ष की उम्र में चंद्रो तोमर ने हाथों में पिस्तौल उठाई और दुनिया ने 'शूटर दादी' के नाम मशहूर हो गईं. चंद्रो के निशाने को देखकर हर कोई हैरान रह गए. इसके बाद ही कोच ने उन्हें शूटर बनने की सलाह दी. हालांकि, घरवालों की अनुमति ना मिलने के डर से दादी चंद्रो इसके लिए राजी नहीं हुईं. फिर बच्चों ने उन्हें शूटर बनने की हिम्मत दी, जिसके बाद दादी चंद्रो तोमर का शूटर दादी बनने का सफर शुरू हुआ. कुछ दिनों बाद चंद्रो से प्रेरित होकर उनकी देवरानी प्रकाशी तोमर ने भी शूटिंग की दुनिया में कदम रखने का फैसला किया.