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लॉकडाउन: चंडीगढ़ प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों के लिए बनाया शेल्टर हाउस

प्रवासी मजदूरों के लिए खाने-पीने की सुविधा के साथ चंडीगढ़ प्रशासन ने एक शेल्टर हाउस बनाया है, विस्तार से पढ़ें.

Chandigarh administration made shelter house for migrant labourers
चंडीगढ़ प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों के लिए बनाया शेल्टर हाउस

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Published : Mar 31, 2020, 7:33 PM IST

चंडीगढ:प्रवासी लोगों का पलायन रोकने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन हर तरह से कोशिश कर रहा है. इसी के तहत मलोया में स्थित सामुदायिक केंद्र में शेल्टर होम बनाया गया है. जहां पर प्रवासी लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है. यहां पर कोई भी प्रवासी आकर कर रह सकता है. यहां पर उन्हें रहने और खाने की सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है.

लॉकडाउन के बाद चंडीगढ़ में मजदूरी करने वाले प्रवासी लोगों का कामकाज रुक गया. जिस वजह से उनके लिए यहां पर रहना मुश्किल हो गया. क्योंकि उनके पास यहां जीवन यापन करने के लिए पैसे नहीं बचे थे और ना ही वे अपने घरों का किराया दे सकते थे. इसलिए बहुत से प्रवासी लोग चंडीगढ़ छोड़कर अपने अपने गांव जाना चाहते थे, लेकिन कोरोना वायरस के चलते केंद्र सरकार ने साफ तौर पर यह आदेश दिया है कि कोई भी प्रवासी अपने वर्तमान स्थान छोड़कर नहीं जाएगा. चंडीगढ़ में प्रवासी लोगों के पलायन को रोकने के लिए प्रशासन ने चंडीगढ़ के मलोया में एक शेल्टर होम बनाया है.

चंडीगढ़ प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों के लिए बनाया शेल्टर हाउस, देखिए रिपोर्ट

100 लोगों के रहने की है व्यवस्था

मलोया का शेल्टर होम प्रवासी लोगों के लिए टेम्पररी हाउस है. इस होम में 100 से ज्यादा लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है. फिलहाल यहां पर करीब 41 लोग रह रहे हैं जिनमें 3 महिलाएं भी शामिल हैं और कई बच्चे भी हैं. इस शेल्टर होम में इन लोगों के रहने और खाने की पूरी व्यवस्था की गई है. ताकि लोगों को यहां पर रहने के दौरान कोई समस्या ना आए. साथ ही यहां पर दिन में तीन बार डॉक्टरों की एक टीम भी आती है. जो इन लोगों का रेगुलर मेडिकल चेकअप कर रही है.

लॉकडाउन खत्म होने तक यहां रह सकते हैं मजदूर

इन मजदूरों के काम धंधे बंद हो चुके थे. जिससे उनके पास अपनी आजीविका चलाने के लिए कोई चारा नहीं बचा था. इसलिए वह लोग अपने अपने गृह राज्यों में जाना चाहते थे, लेकिन केंद्र सरकार के आदेश अनुसार उन्हें जाने की अनुमति नहीं थी. इसलिए उनकी मुश्किलों को देखते हुए प्रशासन ने उनके यहां पर रहने की व्यवस्था की है. जब तक लॉक डाउन खत्म नहीं हो जाता तब तक वे यहां आराम से रह सकते हैं.

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