हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी को लगा बड़ा झटका, पार्षद तरुणा मेहता ने थामा कांग्रेस का हाथ - चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी का धरना

भले ही चुनाव में अभी वक्त बाकी है, लेकिन एक बार फिर से दल बदल का दौर शुरू हो चुका है. आम आदमी पार्टी की पार्षद तरुणा मेहता ने बीती रात गुपचुप तरीके से बिना अपने पद से इस्तीफा दिए कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली है.

Trauma Mehta Join Congress Party
पार्षद तरुणा मेहता ने थामा कांग्रेस का हाथ

By

Published : May 28, 2023, 9:22 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 में होने हैं. लेकिन राजनीतिक पार्टियों में अभी से ही दल-बदल का सिलसिला भी शुरू गया है. चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी की एक पार्षद ने अपने पति के साथ कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया है. ऐसे में आम आदमी पार्टी ने सख्त शब्दों में कहा कि रात के अंधेरे में चोरों की तरह कांग्रेस क्यों ज्वाइन कर ली. दिन में ज्वाइन करने का हौसला नहीं था. वहीं, इस मुद्दे को लेकर आप समर्थकों ने चंडीगढ़ में प्रदर्शन किया.

बता दें कि तरुणा मेहता ने आम आदमी पार्टी को छोड़ कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली है. गुस्साए आप नेताओं और कार्यकर्ताओं ने तरुणा मेहता के घर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. आप पार्टी सदस्यों ने तरुणा मेहता से मांग की कि वे पार्टी के चुनाव चिन्ह पर पार्षद बनी है. पार्टी के नाम पर उसे वोट मिली है, इसलिए अगर तरुणा मेहता को पार्टी छोड़कर जाना ही था, तो पहले पार्षद पद से इस्तीफा देना चाहिए था.

इसके बाद किसी भी पार्टी की सदस्यता लेती, हमें कोई समस्या नहीं थी. AAP ने कहा कि मेहता दंपत्ति को जब ना कांग्रेस ने न बीजेपी ने टिकट दी, तो उन्हें आम आदमी पार्टी ने टिकट दी. जिसके चलते AAP के नाम पर वो भारी वोटों से जीते. तरुणा मेहता ने कसम खाई थी कि वो आप के साथ रहेगी. अभी दिसंबर में भी सभी पार्षदों ने अपने बच्चों की कसम खाकर ये प्रण लिया था कि वो पार्टी के साथ कभी दगा नहीं करेंगे.

ये भी पढ़ें:राज्यसभा सांसद का बड़ा दावा, कहा- पार्टी में जल्द शामिल होंगे BJP-JJP के बड़े नेता

पार्टी में उनको पूरा मान सम्मान मिला. कांग्रेस ज्वाइन करने से पहले उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देना भी ज़रूरी नहीं समझा. ये पार्टी के साथ, पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ और जिन लोगों ने पार्टी के नाम पर उनको वोट दिया, उन सब के साथ एक धोखा है. जो लोग कपड़ों की तरह पार्टियां बदलते रहते हैं, उनको समाज देखता और समझता है. ऐसे नेता जनता की नज़रों से हमेशा के लिए गिर जाते हैं. चाहे वो अपने दल बदलने को जितना भी तर्कसंगत बता दें. जनता उनको दलबदलू ही कहती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details